अपंजीकृत प्रतिष्ठानों/इकाईयो को अपना पंजीकरण करना होगा अनिवार्य

औद्योगिक गतिविधियों और इकाइयों को अर्थव्यवस्था की मुख्य धारा में लाने के लिए उनका पंजीकरण अनिवार्य रूप से कारखाना अधिनियम 1948 के तहत किया जाएगा

सहायक श्रमायुक्त प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि प्रतिष्ठानों और औद्योगिक इकाइयों का सर्वेक्षण कर उन्हें कारखाना अधिनियम-1948 के तहत पंजीकरण हेतु चिन्हित किया जा रहा है कि जनपद मऊ में बड़ी संख्या में पावरलूम्स संचालित है, जो अपंजीकृत है। अब ऐसे अपंजीकृत पावरलूम्स के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। पावरलूम्स, दाल मिल, राइसमिल, पेट्रोल पम्प, ऑटोमोबाइल मरम्मत एवं अनुरक्षण का कार्य, बर्फ का विनिर्माण आदि कार्य यदि उनमें 05 या अधिक श्रमिक लगे हैं तो उन्हें कारखाना अधिनियम के तहत अनिवार्य रूप से अपना पंजीकरण कराना होगा। इसके साथ ही अन्य उद्योग या इकाई जिसमें 20 या अधिक श्रमिक पायर की सहायता से कार्य कर रहे हैं, उन्हें भी अपना पंजीकरण कराना होगा। ऐसा देखा गया है कि प्रतिष्ठानो/ इकाइयों को चिहिन्त कर पंजीकरण हेतु निर्देशित करने के बावजूद उनके द्वारा पंजीकरण अबतक नहीं कराया गया है। अब इस मामले में जिला प्रशासन और संबंधित विभाग बहुत सख्त है। सभी ऐसी इकाइयों को अपना पंजीकरण हर हाल में कराना ही होगा। इस पूरी कवायद के पीछे मंशा यह है कि जनपद में इतनी अधिक संख्या में औद्योगिक इकाइयों के होने के बावजूद अपंजीकृत होने के कारण जनपद की अर्थव्यवस्था में उनका योगदान नगण्य प्रदर्शित होता है। साथ ही उनमें कार्यरत श्रमिकों को भी कई प्रकार के लाभों से वंचित होना पड़ता है। उद्योगों को भी शासन की विभिन्न ऐसी योजनाएं जिसमें उद्योगों का तीव्र विकास हो, के लाभ से वंचित होना पड़ता है। उन्होंने बताया कि ऐसे सभी उद्यामों/ इकाइयों को अवगत कराया जाता है कि पात्रतानुसार कारखाना अधिनियम के तहत अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करें, जिससे अर्थव्यवस्था में उनका योगदान प्रदर्शित हो सके एवं शासन की योजनाओं/ स्कीम्स का वह लाभ उठा सकें। पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन सिंगल विंडो पोर्टल www.niveshmitra.up.nic.in पर की जानी होती है।



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