पूर्वांचल के पहले चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ कन्हैया दुबे की श्रद्धांजलि सभा में उमड़ा जनसैलाब

मऊ बलिया और आजमगढ के पहले एमडी और पूर्वांचल के पहले चाइल्ड स्पेशलिस्ट व आईएमए के फाउंडर मेंबर रहे साथ ही बीएचयू और केजीएमसी जैसे उच्च संस्थानों में प्रोफेसर रहे। डॉ कन्हैया दुबे की श्रद्धांजलि सभा में जनसैलाब उमड़ पड़ा। डॉक्टर कन्हैया दुबे की 96 साल की उम्र में पिछले दिनों हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई। जिसके बाद सोमवार की देर शाम को आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में जनपद के डॉक्टरों सहित, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों सहित जनपद के गणमान्य लोग सुबह से देर रात तक उनके मऊ नगर के आवास पर पहुंचते रहे और उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित करते रहें। श्रद्धांजलि सभा में लोगों ने नम आंखों से डॉक्टर कन्हैया दुबे के व्यक्तित्व व चिकित्सा के क्षेत्र में किए गए उनके योगदान व उनके कार्यों की प्रशंसा करते रहे।

वक्ताओं ने कहा कि डॉ कन्हैया दुबे के पास कोई मरीज शाम या देर रात पहुंचता तो डॉक्टर कन्हैया दुबे कभी किसी को लौटाते नहीं थे और हर संभव मरीज को ठीक करने में अपना योगदान दिया करते थे। उन्होंने बतौर चाइल्ड स्पेशलिस्ट लाखों बच्चों को नया जीवन प्रदान किया है। जिस समय देश कई महामारी और प्रकोपों से जूझ रहा था उस समय डॉ कन्हैया दुबे बच्चों के स्वास्थ्य बेहतर हो उसमें अहम भूमिका निभा रहे थे। श्रद्धांजलि सभा में सम्मलित होने वाले डॉ एस सी तिवारी ने बताया कि जितने भी जनपद में चिकित्सक हो उन सब के लिए डॉ कन्हैया दुबे गार्जियन और पिता तुल्य रहें हैं। वे हमेशा चिकित्सकों को मार्गदर्शन देते रहते थे। डॉ कन्हैया दुबे उस समय फाउंडर मेंबर थे जब जनपद में कुल छः डॉक्टर ही आईएमए में शामिल हुआ करते थे, ग्रामीण परिवेश में नए चिकित्सकों को हो रही परेशानी हो या व्यवहारिक परेशानियों को कन्हैया दुबे ने जनपद के हर चिकित्सकों की समस्याओं को दूर करने में मदद किया करते थे। कई वर्षों तक आईएमए को लीड करने का काम भी किया। उम्र के इस पड़ाव के बावजूद डॉ कन्हैया दुबे काफी सक्रिय रहते थे। समय समय पर डॉ कन्हैया दुबे चिकित्सकों का मार्गदर्शन किया करते थे। हम सभी चिकित्सक आज डॉ कन्हैया दुबे की मृत्य से मर्माहत हैं। हम सभी कभी डॉ कन्हैया दुबे की कार्यकुशलता को भूल नहीं पाएंगे । इस दौरान डॉ कन्हैया दुबे के पौत्र डॉ अम्बरीश दुबे ने अपने दादा जी को नम आंखों से एक कविता के माध्यम से श्रद्धांजलि देते हुवे कहा कि " कौन क्यों चला गया ये जरूरी नहीं है। क्या सिखा कर गया ये जरूरी है।" डॉ संजय सिंह ने कहा की स्व. कन्हैया दुबे शालीनता हम सभी को याद दिलाती रहेगी । श्रद्धांजलि सभा में मुख्य रूप से आईएमए अध्यक्ष डा. पीएल गुप्ता, डॉ योगेंद्र यादव, डॉ पवन कुमार, डॉ एस के सिंह, डॉ सीएस साहनी, डॉ आर के लाल, डॉ प्रमोद गुप्ता, डॉ आरएम मिश्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष मनोज राय, अरविंद सिंह, अशोक सिंह, रामजी उपाध्याय, भाजपा जिलाध्यक्ष नूपुर अग्रवाल, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मऊ जिले और गोरक्ष प्रांत के पधाधिकारी, नगर पालिका चेयरमैन अरशद जमाल सहित शहर के हर वर्ग के लोग, व्यवसाई, पत्रकार, अधिवक्ता व सभी राजनीतिक दल के लोग मौजूद रहे।



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