लोकतंत्र की नींव पर चोट है वन नेशन, वन इलेक्शन,-माले

लोकतंत्र और आपसी सौहार्द को नष्ट करना चाहती हैं फासीवादी ताकते-माले

18,दिसम्बर, मऊ भाकपा माले ने जिला कार्यालय पर का. विनोद मिश्र की 26 वें स्मृति दिवस को फासीवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाते हुवे लोकतंत्र और संविधान बचाने व उनके सपनों का भारत बनाने का लिया संकल्प। भाकपा माले के जिला सचिव बसंत कुमार ने कहा कि जब हम का. वी एम की 26 वीं स्मृति दिवस मना रहे हैं तो उनकी बातें पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक लगते हैं. मोदी सरकार को सत्ता में आए अब एक दशक से अधिक समय हो चुका है. सरकार के फासीवादी एजेंडे का पर्दाफाश हो चुका है और विभिन्न मोर्चे पर प्रतिरोध की बढ़ बढ़ रहा है. कभी-कभी यह प्रतिरोध चुनाव में फासीवादी अभियान को झटका देने में सफल रहा है लेकिन हाल के हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव ने दिखाया है कि फासीवादी सत्ता पर बने रहने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं. यह स्पष्ट है कि फासीवादी हमले को रोकने के लिए हमें लंबे समय तक चलने वाले और मजबूत जन आंदोलन की जरूरत है। फासीवादी अपनी ताकत सांप्रदायिक नफरत और ध्रुवीकरण, जाति और लैंगिक उत्पीड़न और कॉर्पोरेट ताकत के पूर्ण समर्थन से हासिल करते हैं इसलिए फासीवाद का मुकाबला करने के लिए हमें सांप्रदायिकता जातिवाद और कॉर्पोरेट ताकत के खिलाफ प्रतिरोध को और भी व्यापक और धारदार बनाना होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र की सरकार देश के लोकतंत्र और संविधान के साथ खिलवाड़ कर रही है आपसी सौहार्द पर रोज-रोज हमले किए जा रहे हैं. बेरोजगारी महंगाई से आम जनता तंग परेशान है. देश की सारी सार्वजनिक संपत्तियों को कॉरपोरेट पूंजी पत्तियों के हवाले किया जा रहा है. सरकार की नीतियों के खिलाफ बोलने वाले को देशद्रोही और फर्जी मुकदमों में फंसा कर जेल में बंद किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश में कानून और व्यवस्था के नाम पर तानाशाही और बुलडोजर राज को ही न्याय का प्रतीक बना दिया गया है. देश में लोकतंत्र के स्थान पर तानाशाही को स्थापित करने की कोशिश की जा रही है. एक व्यापक मोर्चे का निर्माण कर इन फासीवादी शक्तियों को पीछे करना होगा. संकल्प सभा में प्रमुख रूप से राम नवल, कामरेड शिव मूरत, कामरेड विद्याधर, इसरार रजा, शिवकुमार, साधु यादव,शकील बेलाली, फेकू राजभर,जितेंद्र आदि उपस्थित रहे।



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