सुरक्षित मातृत्व दिवस कार्यक्रम, गर्भवती की प्रसव पूर्व निःशुल्क जांच, दिया गया परामर्श।

मऊ, 26 नवंबर 2024

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राहुल सिंह ने दिया अवगत कराया कि जनपद में प्रत्येक माह की 1, 9, 16, 24 तारीख को निश्चित तिथि पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) मनाया जाता है, अवकाश की स्थिति में अगले कार्य दिवस पर आयोजित होता है। जिसके अंतर्गत 25 नवम्बर दिन सोमवार को जिला महिला अस्पताल एवं ब्लॉक स्तरीय चिकित्सालय में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस का आयोजन किया गया। इसमें दूसरे व तीसरे माह की गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, जिससे उन्हें प्रसव पूर्व एवं प्रसव के पश्चात की समस्याओं का सामना न करना पड़े। सीएमओ डा. राहुल सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं की हीमोग्लोबिन, शुगर, एचआईवी, ब्लड प्रेशर समेत तमाम जांचें निःशुल्क की गई तथा समस्त केंद्रों में पीएमएसएमए के लाभार्थियों की ग्रुप काउंसलिंग की गई जिसमें संस्थागत प्रसव के फायदे बताकर। उन्हें संस्थागत प्रसव करवाने के लिए प्रेरित किया गया। इसके अलावा अल्ट्रासाउंड,पेट की जांच,वजन,खून,पेशाब आदि की भी निःशुल्क जांच हुई। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बीके यादव ने बताया कि जांच के माध्यम से यह पता लगाया जाता है कि कहीं कोई गर्भवती महिला उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था में तो नहीं है। उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था वह अवस्था है जिसमें माँ या उसके भ्रूण के स्वास्थ्य जीवन को खतरा होता है। गर्भावस्था में जटिलताओं की संभावना अधिक होती है। उस गर्भावस्था को उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था यानी हाई रिस्क प्रेगनेंसी में रखा जाता है। इस तरह की गर्भावस्था को डॉक्टर्स की देखभाल की आवश्यकता होती है। जिला मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता अंजू रंजन ने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत जिला महिला चिकीत्सालय सहित सीएचसी में गर्भवती महिलाओ के विशेष सुविधा दी गई, उनके एमसीपी (मदर एंड चाइल्ड प्रोटेक्शन) कार्ड भरे गए। जिन महिलाओं में जोखिम की संभावना मिली, उन्हें मातृत्व एवं शिशु सुरक्षा कार्ड पर लाल रंग की एचआरपी मोहर लगा कर चिन्हित किया गया। वर्ष 2024–25 में माह अप्रैल 2024 से 16 नवंबर 2024 तक जनपद के समस्त स्वास्थ्य केंद्रों में कुल 17,234 गर्भवती महिलाएं जांच के लिए आयीं जिसमें से 1,465 महिलाओं को उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था में चिन्हित कर आवश्यक जांच एवं उपचार किया गया, महिलाओं को निरंतर स्वास्थ्य परीक्षण की सलाह दी जा रही है। समस्त गर्भवती की निम्न जांचे की जाती है, पहला- समस्त गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच हीमोग्लोबिन, शुगर,यूरिन, ब्लड ग्रुप, एचआईवी, सिफलिस, वजन, ब्लड प्रेशर,अल्ट्र एवं अन्य जांचें की गई। दूसरा - टीडी का टीकाकारण, आयरन फोलिक टेबलेट, कैल्शियम की गोली, एलबेंडाजोल एवं अन्य आवश्यक दवाएं निःशुल्क दी जाती है। तीसरा- समस्त गर्भवती महिलाओं के गर्भ की द्वितीय एवं तृतीय त्रैमास में कम से कम एक बार स्त्री रोग विशेषज्ञ अथवा एलोपैथिक चिकित्सक की देखरेख में निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। चौथा- हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की पहचान प्रबंधन एवं सुरक्षित संस्थागत प्रसव हेतु प्रेरित करना, पोषण परिवार नियोजन तथा प्रसव स्थान के चयन के लिये काउंसलिंग।



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