अफवाह पर ना दें ध्यान, डी०ए०पी० अथवा अन्य उर्वरकों का अग्रिम ना करे भंडारण: जिला कृषि अधिकारी।
जिला कृषि अधिकारी सोम प्रकाश गुप्ता ने बताया कि जनपद के कृषक चालू रबी वर्ष में दिनांक 01.10.2024 से 12.11.2024 तक यूरिया 12593 मै० टन, डी०ए०पी० 6181 मै० टन, एम०ओ० पी० 234 एन०पी० के० 2656 मै० टन तथा एस०एस०पी० 262 मै० टन की उपलब्धता निजी व सहकारी बिक्री केन्द्रों एवं गोदामों पर है। वर्तमान रबी सीजन में फसलों की बुवाई हेतु फास्फेटिक उर्वरक जिसमें मुख्यतः
डी०ए०पी० का प्रयोग किसान भाई करते है, किसान भाई डी०ए०पी० के स्थान पर एन०पी० के० एवं सिंगल सुपर फास्फेट (SSP) का प्रयोग गेहूँ, आलू एवं अन्य फसलों की बुवाई के समय कर सकते है। पौधों को डी०ए०पी० उर्वरक से मिलने वाला फास्फोरस तत्व एन०पी० के० एवं सिंगल सुपर फास्फेट (SSP) से भी पूर्ति हो सकती है। अतः इनकी सस्तुत मात्रा का प्रयोग कर पौधों में आवश्यक फास्फोरस की पूर्ति की जा सकती है। किसान भाई आवश्यकता अनुसार ही उर्वरकों का प्रयोग फसलों में करें। अधिक उर्वरक के प्रयोग करने से मृदा का स्वास्थ्य खराब होता है, जिसका असर उत्पादन पर भी पड़ता है। किसान भाई बुवाई के समय दानेदार डी०ए०पी० के स्थान पर नैनो डी०ए०पी० से बीज उपचार करके गेहूँ की बीज की बुवाई करें इससे फास्फोरस सीधे पौधों के जड़ों में पोषण देता है और उत्पादन में भी वृद्धि होती है। इसके साथ नैनो डी०ए०पी० दानेदार डी०ए०पी० से सस्ते दामो पर उपलब्ध हो जाता है। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा निरंतर शोधो से सिद्ध हो चुका है कि रबी फसलों में एन०पी० के०, जिन्केटेड एवं सिंगल सुपर फास्फेट (SSP) का प्रयोग फसल की गुणवत्ता उपज व रोग प्रतिरोधक क्षमता की दृष्टि से कहीं अधिक उपयोगी है। विगत वर्षों की भातिं उर्वरकों की आपूर्ति कम्पनियों द्वारा समय-समय पर की जा रही है। दिनांक 10.112024 एवं दिनांक 11.11.2024 को क्रमशः इफको की 1440 मै० टन डी०ए०पी० एवं एन०एफ० एल० द्वारा 646 मै० टन डी०ए०पी० एवं एम०ओ०पी० 259 मै० टन प्राप्त हुई है। जनपद में अभी फास्फेटिक उर्वरकों की कोई दिक्कत नही है। किसान बन्धुओं को किसी प्रकार की उर्वरक की समस्या न हो इसलिए उर्वरक उपलब्धता हेतु सतत निगरानी की जा रही है। इसलिए किसान भाइयों से अनुरोध है कि किसी प्रकार की अफवाह पर ध्यान ना दें तथा डी०ए०पी० अथवा अन्य उर्वरकों का अग्रिम भण्डारण ना करें। साथ ही जोत के अनुरूप बोई जाने वाली फसलों के दृष्टिगत संस्तुत मात्रा में ही डी०ए०पी० एवं अन्य उर्वरकों का क्रय करें। डी०ए०पी० उर्वरक की आपूर्ति किसान बन्धुओं के उपयोग हेतु लागातार कराई जा रही है।