तालिबान ने घोषित किया अफगानिस्तान का भावी राष्ट्रपति
तालिबान अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड टॉवर पर हमले के बाद 2001 में अमेरिका के नेतृत्व में तालिबान को घुटने पर लाने के बाद मुल्ला बरादर ने आतंकवाद की कमान संभाल ली। वह हालांकि ज्यादा दिनों तक आजाद नहीं रह सका। उसे फरवरी 2010 में गिरफ्तार किया गया।
(शुभम वाधवानी)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। मुल्ला अब्दुल गनी बरादर उन चार लोगों में से एक है जिसने 1994 में अफगानिस्तान में तालिबान आंदोलन की शुरुआत की थी। तालिबान के हाथों शांतिपूर्वक सत्ता हस्तांतरण के बाद मुल्ला अब्दुल गनी बरादर अफगानिस्तान का नए राष्ट्रपति बन सकते हैं। तालिबान ने उन्हें भावी राष्ट्रपति घोषित किया है।तालिबान ने 20 साल बाद काबुल में फिर से अपनी हुकूमत कायम कर ली है। 2001 में अमेरिकी हमले के कारण तालिबान को काबुल छोड़कर भागना पड़ा था। आइये जानते हैं कौन है मुल्ला अब्दुल गनी बरादर।
तालिबान अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड टॉवर पर हमले के बाद 2001 में अमेरिका के नेतृत्व में तालिबान को घुटने पर लाने के बाद मुल्ला बरादर ने आतंकवाद की कमान संभाल ली। वह हालांकि ज्यादा दिनों तक आजाद नहीं रह सका। उसे फरवरी, 2010 में गिरफ्तार किया गया। उसको पाकिस्तानी शहर कराची से अमेरिका -पाकिस्तान के संयुक्त अभियान में पकड़ा गया। 2012 के अंत तक मुल्ला बरादर के बारे में बहुत कम चर्चा होती थी। हालांकि उसका नाम तालिबान कैदियों की सूची में सबसे ऊपर था, जिन्हें शांति वार्ता को प्रोत्साहित करने के लिए अफगान रिहा करना चाहते थे।
लेकिन बाद में तालिबान के साथ डील होने के बाद पाकिस्तानी सरकार ने 2018 में उसे रिहा कर दिया था। लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि उसे पाकिस्तान में रखा जाएगा या फिर किसी तीसरे देश में भेजा जाएगा। मुल्ला बरादर की अहमियत को इस बात से समझा जा सकता है कि गिरफ्तारी के समय उसे तालिबान के नेता मुल्ला मोहम्मद उमर के सबसे भरोसेमंद कमांडरों में से एक माना जाता था। इसके साथ ही उसको दूसरा-इन-कमांड भी कहा जाता था। वह उन प्रमुख आतंकियों में से एक है जो अमेरिका और अफगान सरकार के साथ बातचीत का समर्थन करता है। वह तालिबान के शांति वार्ता दल का नेता है, जो कतर की राजधानी दोहा में एक राजनीतिक समझौते की कोशिश करने का दिखावा कर रहा है।