पूर्वांचल का कुख्यात माफिया रमेश सिंह काका गिरफ्तार: मुख़्तार से बड़ा आपराधिक साहस

मऊ, उत्तर प्रदेश: पूर्वांचल के कुख्यात माफिया रमेश सिंह उर्फ काका को 6 जून 2025 को मऊ की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) कोर्ट में सरेंडर करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। यह गिरफ्तारी एक जालसाजी मामले में हुई, जिसमें उन्हें चार साल की सजा सुनाई गई। रमेश सिंह, जिनका नाम 80 आपराधिक मामलों में दर्ज है, को उनके साहसिक अपराधों के कारण माफिया डॉन मुख़्तार अंसारी से भी बड़ा माना जाता है। उसकी गिरफ्तारी ने पूर्वांचल में सनसनी फैला दी है, और इसे उत्तर प्रदेश सरकार की अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति की बड़ी सफलता माना जा रहा है।

जालसाजी मामले में सजा और फिल्मी सरेंडर

रमेश सिंह पर आरोप था कि उन्होंने दूसरे व्यक्ति की रिवॉल्वर आईडी पर अपनी फोटो लगाकर फर्जी सिमकार्ड हासिल किया। इस मामले में उनके सहयोगी जावेद आजमी को भी चार साल की सजा और 14,000 रुपये का जुर्माना हुआ। कोर्ट में अनुपस्थित रहने के कारण उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी हुआ था, और 25,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था। 6 जून 2025 को रमेश सिंह ने फिल्मी अंदाज में कोर्ट में सरेंडर कर दिया, जिससे पुलिस को भनक तक नहीं लगी। सरेंडर के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

आपराधिक साम्राज्य और जेलर हत्याकांड

मऊ के सरायलखंसी थाना क्षेत्र के कैथवली गांव का निवासी रमेश सिंह, आईआर-212 गैंग का सरगना है। उनके खिलाफ हत्या (11 मामले), हत्या का प्रयास, लूट, रंगदारी और गैंगस्टर एक्ट जैसे गंभीर आरोप हैं। 2013 में वाराणसी के डिप्टी जेलर अनिल त्यागी की हत्या में उनकी मास्टरमाइंड की भूमिका ने उन्हें कुख्यात बना दिया। इसके अलावा, एक अन्य जेलर दीप सागर सिंह की हत्या से भी उनका नाम जोड़ा जाता है। इन हत्याकांडों ने उनके आपराधिक साहस को उजागर किया, जिसकी तुलना मुख़्तार अंसारी से की जाती है। कई लोग मानते हैं कि उनका स्थानीय रसूख और संगठित अपराधों का नेटवर्क मुख़्तार से भी बड़ा है।

अवैध संपत्ति और पुलिस कार्रवाई

रमेश सिंह ने अपराध से अर्जित धन से अरबों की संपत्ति बनाई। मऊ पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत उनकी 1.24 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की, जिसमें 2020 में 1.12 करोड़ की संपत्ति शामिल थी। 2025 में उनकी करीबी और पूर्व ब्लॉक प्रमुख नेत्री विद्यावती सिंह की अवैध हवेली को ध्वस्त किया गया। उनके गैंग के अन्य सदस्य, जैसे अरविंद सिंह, भी 2022 में STF द्वारा गिरफ्तार किए गए।

परिवार का दावा और विवाद

रमेश सिंह के पिता रामबृक्ष सिंह ने पुलिस पर झूठे मामलों में फंसाने और फर्जी एनकाउंटर की आशंका जताई है। उन्होंने मुख्यमंत्री और डीजीपी को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज की। हालांकि, पुलिस और प्रशासन का कहना है कि रमेश सिंह के खिलाफ कार्रवाई साक्ष्यों के आधार पर हो रही है। रमेश सिंह काका की गिरफ्तारी पूर्वांचल में अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई का हिस्सा है। उनके आपराधिक इतिहास, जेलर हत्याकांडों में संलिप्तता और विशाल अवैध संपत्ति ने उन्हें पूर्वांचल का "ब्रो" बना दिया। वर्तमान में जेल में बंद रमेश सिंह के गैंग पर पुलिस की नजर है, और उनकी बाकी संपत्तियों की जांच जारी है। यह मामला उत्तर प्रदेश में माफिया-राज को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।



अन्य समाचार
फेसबुक पेज