दिव्यांग जनों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए आगे आए लोग: दिव्यांग जन सशक्तिकरण अधिकारी

मऊ। मां धनरी विकलांग शिक्षण एवं प्रशिक्षण सेवा संस्थान ग्राम बरहा मऊ के तत्वाधान में भारतीय पुनर्वास परिषद नई दिल्ली द्वारा अनुमोदित,राज्य स्तरीय तीन दिवसीय सतत पुनर्वास प्रशिक्षण कार्यकम (सीआरई ) का शुभारंभ मऊ के हिंदी भवन में जिला दिव्यांग जन सशक्तिकरण अधिकारी रश्मि मिश्रा, डॉ धर्मेंद्र त्रिपाठी, डॉ कामना त्रिपाठी एवं संस्था के डायरेक्टर बंश बहादुर यादव द्वारा ज्ञान की देवी मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि जिला दिव्यांग जन सशक्तिकरण अधिकारी रश्मि मिश्रा ने कहा कि भारतीय पुनर्वास परिषद द्वारा सीआरई कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य दिव्यांगता क्षेत्र के पुनर्वास कर्मियों एवं स्पेशल एजुकेटर्स को नई नई तकनीकों एवं नए विधाओं से अवगत कराया जाए। उन्होंने कहा कि दिव्यांग जनों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए हम सबको आगे आना होगा। सरकार ने दिव्यांग जनों के हक और अधिकार के लिए सरकार ने विभिन्न प्रकार की नीतियां और कानून बनाएं हैं हम सबको इसका लाभ उठाना चाहिए।
मां गायत्री पुनर्वास केंद्र के निदेशक डा०धर्मेंद्र कुमार त्रिपाठी ने अपने व्याख्यान में दिव्यांग जनों के लिए आरपीडब्ल्यूडी एक्ट 2016 में दिव्यांग जनों के अधिकार एवं उनके लिए बनाई गई नीतियों के बारे में जानकारी दी। प्रधानाचार्या डा०कामना त्रिपाठी ने दिव्यांग जनों के पुनर्वास पर विस्तृत जानकारी दी। संस्था के निदेशक बंश बहादुर यादव ने बताया कि 24 से 26 मई तक तीन दिनों तक हिन्दी भवन में "दिव्यांगता पुनर्वास में सामाजिक सुरक्षा और कानूनी पहलू" विषय पर देश के विभिन्न स्थानों से आए पुनर्वास विशेषज्ञो द्वारा व्याख्यान दिया जाएगा। इस अवसर पर सैकड़ों प्रतिभागियों पुनर्वास विशेषज्ञों कर्मियों एवं स्पेशल एजुकेटर्स ने उपस्थित होकर जानकारी प्राप्त की।



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