भाकपा माले नेता के खिलाफ़ FIR पर भड़के काम्युनिष्टि नेता

21मई, मऊ
भाकपा माले ने आइसा के प्रदेश अध्यक्ष मनीष कुमार के फेसबुक पोस्ट लिखने पर आजमगढ़ में किए गए एफ आई आर के विरोध में आज जिला मुख्यालय पर किया प्रदर्शन. मुख्यमंत्री को संबोधित चार सूत्री मांग पत्र जिला प्रशासन को सौंपा. इंकालबी मजदूर केंद्र, मजदूर संगठन एक्टू, व क्रालोस.ने प्रदर्शन का किया समर्थन.
लोगों को संबोधित करते हुए भाकपा माले के जिला सचिव बसंत कुमार ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र नेता छात्र संगठन आइसा प्रदेश अध्यक्ष मनीष कुमार द्वारा फेसबुक पर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सवाल पूछने पर उनके के खिलाफ आजमगढ़ जिले के कंधरापुर थाने में मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। मुकदमा दर्ज करना अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है। यह अलोकतांत्रिक और गैर-संवैधानिक है। किसी भी नागरिक को सरकार से सवाल पूछने का अधिकार संविधान देता है। हाल ही में, अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की हरियाणा पुलिस द्वारा गिरफ्तार करना, लोकगायिका नेहा सिंह राठौर और अध्यापिका माद्री काकोटी (डॉ मेडुसा) सहित लखनऊ विवि के दो प्रोफेसरों के खिलाफ भी उनके सोशल मीडिया पोस्ट के कारण ही कार्रवाई की गई। यह दिखाता है कि प्रदेश में नागरिक स्वतंत्रता का दायरा लगातार संकुचित होता जा रहा है। यह स्थिति तब है, जब लोकगायिका नेहा के खिलाफ दर्ज ऐसे ही एक मुकदमे को अयोध्या की अदालत ने निरस्त कर दिया था।
आइसा नेता मनीष कुमार के खिलाफ बीएनएस 353 (2) (भड़काऊ बयान) और आईटी संशोधित एक्ट 2008 की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अश्लील सामग्री का प्रसारण) लगाई गई है। जबकि आइसा नेता ने अंतरराष्ट्रीय समाचार माध्यमों का संदर्भ देकर सवाल पूछे थे और पांच दिन पूर्व प्रधानमंत्री मोदी द्वारा रात आठ बजे देश को संबोधित करने के बाद उनसे स्पष्टीकरण की सोशल मीडिया पर मांग की थी। सवाल पूछने को भड़काऊ और अश्लील करार देकर एफआईआर की जा रही है लेकिन भाजपा के मंत्री द्वारा सेना का अपमान करने और नफ़रत फैलाने वाले भाषणों पर सख़्त कार्रवाई नहीं हो रही है।
सोशल मीडिया पर सरकार से सवाल पूछने के कारण आइसा प्रदेश अध्यक्ष मनीष कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की कड़ी निंदा करते हुए मांग करते हैं कि
मनीष कुमार पर आजमगढ़ जिले के कंधरापुर थाना प्रभारी की ओर से दर्ज कराई गई फर्जी एफआईआर नंबर 0136 को निरस्त किया जाए।पद के दुरुपयोग की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।पहलगाम में नागरिकों की मौत के दोषियों को दंडित किया जाए।आपरेशन सिंदूर पर उठ रहे सवालों का जवाब सरकार की तरफ से दिया जाए।
प्रदर्शन में प्रमुख रूप से राम जी सिंह, सरोज सिंह,विक्रमां मौर्या, शिव मूरत गुप्ता विद्याधर कुशवाहा कल्पनाथ, इसरार रजा,बलवंत, राम जन्म, सिकंदर, जयप्रकाश यादव,, शिवकुमार, रामबदन, रामबली राजभर, विजय, महेंद्र राजभर, उर्मिला, साधु यादव, नंदू राजभर, आदि शामिल रहे.।