अद्वितीय,अविस्मरणीय और अकल्पनीय था सृजन रचना निर्माण और विकास के लिए समर्पित कल्पनाथ राय का व्यक्तित्व----

मनोज कुमार सिंह

सरयू और घाघरा के निर्मल जल से अभिसिंचींत वनअवध की माटी के होनहार ,उर्जावान और विकास के लिए उत्कट जब्बा,जुनून और इच्छाशक्ति रखने वाले अमर सपूत विकास पुरुष कल्पनाथ राय का व्यक्तित्व और कृतित्व तरक्की और विकास की राजनीति में आशा विश्वास और यकीन रखने वाले हृदयो में हमेशा जिन्दा रहेगा। इसलिए अपने पराक्रम प्रतिभा परिश्रम और पसीने से मऊ सहित पूर्वांचल की माटी पर निर्माण और विकास की जो इबारत विकास पुरुष ने लिखी है उसकी दास्तान पूर्वांचल के हर चट्टी चौराहे से लेकर दिल्ली और लखनऊ के सियासी गलियारों में आज तक बदस्तूर जारी हैं।कल्पनाथ राय ने अपने पराक्रम प्रतिभा परिश्रम और पसीने से न केवल ॠषिओ मुनियों की तपोभूमि वनअवध की कोख को धन्य कर दिया बल्कि तरक्की के आधुनिक संस्थानों और प्रतिष्ठानों को जमीन पर उतार कर अपनी माटी को चमकाने महकाने का श्लाघनीय प्रयास किया । विकास पुरुष इस बसुन्धरा के गिने चुने व्यक्तित्वो में थे जिन्होंने दूर गगन को एकटक निहारते हुए सारी सुख सुविधाओं से लबरेज़ स्वर्ग के सपने ही नहीं देखे बल्कि उन लोगों में शुमार हैं जो स्वर्ग को वास्तविकता के धरातल पर साकार और मूर्त रूप प्रदान करने के लिए अपना सर्वस्व और सर्वोच्च न्योछावर कर दिया। हमारी माटी हमारी धरती स्वर्ग के समान हो और अपनी माटी को स्वर्ग बनाने के लिए जो भी त्याग तपस्या और बलिदान करना पडे उसके लिए कृतसंकल्पी दृढनिश्चयी बिरले मिलते हैं ऐसे ही बिरले व्यक्तित्वो की परम्परा परिपाटी के उज्जवल रत्न थे कल्पनाथ राय। विकास पुरुष इस धरातलीय और यथार्थ परक सच्चाई को बखूबी समझते थे कि-महज विचारों भाषणों उपदेशों और प्रवचनों द्वारा समाज-सेवा और जन-सेवा नहीं की जा सकती बल्कि जनता की तरक्की उन्नति प्रगति विकास और जन जीवन में खुशहाली तथा जनता के बुनियादी जीवन में परिवर्तन लाने के लिए तरक्की उन्नति प्रगति और विकास के लिए आवश्यक संस्थानों प्रतिष्ठानों परियोजनाओं और कार्यक्रमों को जमीन उतारना पडता है और इसके लिए वह आखिरी सांस तक प्रयास करते रहे। इसलिए उत्तर प्रदेश की राजनीति में सृजन रचना निर्माण और विकास को स्थापित करने वाले दिग्गज नेताओं महारथियों पंडित कमलापति त्रिपाठी स्वर्गीय श्री बीर बहादुर सिंह की परम्परा में कल्पनाथ राय का नाम आदर सम्मान के साथ लिया जाता है और राष्ट्रीय स्तर पर विकास पुरुषों की श्रृंखला में कल्पनाथ राय भी स्वर्णाकिंत है। वैसे तो विकास पुरुष ने आचार्य कृपलानी, आचार्य नरेन्द्र देव, राम मनोहर लोहिया और चन्द्रशेखर जैसे नेताओं की छत्रछाया और समाजवादी पृष्ठभूमि की कांग्रेस विरोधी पाठशाला से राजनीति का ककहरा सीखा परन्तु आयरन लेडी श्रीमती इन्दिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस का दामन थाम लिया तो विरोध बगावत की राजनीति को तिलांजली देकर अपने सम्पूर्ण राजनीतिक जीवन को सृजन रचना निर्माण और विकास के लिए समर्पित कर दिया। मूलतः समाजवादी पृष्ठभूमि के कल्पनाथ राय ने अपनी राजनीतिक पारी का आगाज़ बगावत और बागी तेवर के साथ आरम्भ किया और इसीलिए विकास पुरुष के सीने में समाज के आखिरी आदमी की बेहतरी और बहबूदी के लिए गहरी तडप बेचैनी और छटपटाहट थी और समतामूलक समरस समाज बनाने का संकल्प भी था। विकास की राजनीति के अतिरिक्त कल्पनाथ राय भारतीय सभ्यता और संस्कृति के अनुरूप सर्वसमावेशी धर्म निरपेक्ष राजनीति के प्रबल प्रखर समर्थक थे। नकरात्मक निराशावादी राजनीति के प्रखर विरोधी कल्पनाथ राय सर्वदा और सर्वत्र सकारात्मक रचनात्मक और सृजनात्मक राजनीति के पक्षधर रहे। इसलिए सृजन रचना निर्माण और विकास की राजनीति को भारतीय राजनीति में स्थापित करने वाले श्लाका पुरुषों में विकास पुरुष कल्पनाथ अग्रपांक्तेय रहेंगे।



अन्य समाचार
फेसबुक पेज