सांस्कृतिक के साथ साथ आर्थिक पलायन रोकने की दिशा में सार्थक सकारात्मक सराहनीय अद्वितीय अद्भुत और अनूठा प्रयास चन्द्रपाल सिंह द्वारा

लेखक प्रवक्ता - मनोजकुमारसिंह

पूर्वांचलफिल्मसिटी के माध्यम से पूरे पूर्वांचल से सांस्कृतिक के साथ-साथ आर्थिक पलायन को रोकने की दिशा में सृजनात्मक रचनात्मक सकारात्मक अद्भुत अनूठा एवं अकल्पनीय प्रयास #Bhouri जैसे राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित फिल्मों के प्रोड्यूसर #chandrapalsingh द्वारा किया जा रहा है । मूलतः नैनिजोर तालुक़ा भदोरा खाँस आजमगढ़ में पैदा हुए सगडी विधानसभा के पहले विधायक स्वर्गीय श्री इन्द्रासन सिंह के रक्तबीज चंद्रपाल सिंह,अपनी माटी से गहरी मोहब्बत का इजहार करते हुए नैनिजोर मैं एक पूर्वांचल फिल्म सिटी के नाम से एक ऐसा प्लेटफार्म पूर्वांचल के नवोदित कलाकारों रंग कर्मियों #साहित्य कर्मियों #सांस्कृतिक गतिविधियों में उभरती प्रतिभाओं के लिए उपलब्ध कराना चाहते हैं जिससे इन बहुआयामी बहुविवीध प्रतिभाओं को अपनी प्रतिभा दक्षता कौशल हुनर और अपनी अंतर्निहित क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए अपना गाँव अपना शहर अपना कस्बा अपना गली मुहल्ला और अपनी माटी छोड़कर ना जाना पडे। पूर्वांचल फिल्म सिटी पूर्वांचल के इतिहास में एक ऐसा मिल का पत्थर साबित होगा जिसके माध्यम से पूर्वांचल की नवोदित प्रतिभाओं को अपनी बहु सांस्कृतिक बहु सृजनात्मक रचनात्मक सकारात्मक प्रतिभाओं और अपनी अंतर्निहित क्षमताओं क्षमताओं दक्षताओ कुशलताओ हुनर और जौहर को प्रदर्शित करने के लिए किसी मेट्रोपॉलिटन सिटी में पलायन नहीं करना पड़ेगा । बड़े भाई चंद्रपाल सिंह का यह अनूठा प्रयास अनायास नहीं है बल्कि पूर्वांचल के हर बुद्धिजीवी, पूर्वांचल के इतिहास के हर सच्चे विद्यार्थी पूर्वांचल के हर स्वाभिमानी सजग सचेत नागरिक के मन मस्तिष्क में समाहित गहरी पीड़ा का सकारात्मक रचनात्मक प्रकटीकरण है। जिस पूर्वांचल का इतिहास अत्यंत प्राचीन काल से अत्यंत गौरवशाली और गौरवमयी रहा है उस पूर्वांचल के नौजवानों को अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन करने के लिए भारत के मेट्रोपॉलिटन सिटी में दर-दर की ठोकरें खाना पड़ता है । जिस पूर्वांचल ने अनगिनत शूरवीरों चक्रवर्ती सम्राटों स्वाधीनता संग्राम के अनगिनत रणबांकुरो को पैदा किया उसी पूर्वांचल के होनहार ऊर्जावान और उत्साही नौजवानों को अपने रोजी रोजगार के चक्कर में देश के बडे बडे शहरों में भटकना पड़ता है । यही दर्द बड़े भाई चंद्रपाल सिंह के अंदर गहरे रूप से समाहित हो गया और इसी दर्द को सकारात्मक दिशा देते हुए उन्होंने पूर्वांचल फिल्म सिटी की स्थापना करने का संकल्प लिया है पूर्वांचल के हर बुद्धिजीवी पूर्वांचल के इतिहास के सच्चे हर विद्यार्थी पूर्वांचल के स्वाभिमान के प्रति सचेत हर नागरिक का दायित्व और कर्तव्य है कि वह चंद्रपाल सिंह के इस अनूठे अभियान को यथाशक्ति नैतिक मानसिक मनोवैज्ञानिक समर्थन और सहयोग प्रदान करें। पंचशील के सिद्धांत के माध्यम से जिस पूर्वांचल ने पूरी दुनिया को मानवता का संदेश दिया आज वही पूर्वांचल सामाजिक सांस्कृतिक सहित्यिक रुग्णता का रुदन कर रहा है। ऐसी स्थिति और परिस्थिति में बडे भाई श्री चन्द्रपाल सिंह का अनूठा प्रयास पूर्वांचल के हर हृदय को हर्षित और हर मस्तक को गौरवान्वित करने का कार्य करेगा। 1857 से लेकर 1947 तक शहादत की शानदार परम्परा का अनुसरण और अनुकरण करते हुए पूरे पूर्वांचल के नौजवानों स्वाधीनता संग्राम की सर्वोच्च बलिदान दिया। इसलिए शहीदो की शहादत की शानदार परम्परा के सम्मान में जो गीत लिखे गये उसमें एक मशहूर गीत आजमगढ़ की जरखेज जमीन के मशहूर शायर महान रंगकर्मी सैय्यद अख्तर हुसैन रिजवी ( कैफी आजमी) द्वारा लिखे गये। इस गीत को पूरी तरह हृदयंगम करते पूर्वांचल फिल्म सिटी का निर्माण किया जा रहा है। हमारी मंशा है कि हर नगर पंचायत नगर निगम नगर महापालिका में साहित्यिक सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए रंगशालाओं का निर्माण किया जाय।



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