अगर दिल ही नहीं जलता तो फिर क्या रौशनी होती

जगदीश सिंह

वफाओं के चरागो ही से है दीवाली दुनियाँ मे! अगर दिल ही नहीं जलता तो फिर क्या रौशनी होती! चरागो को बुझाने पर अमादा है हवा कोई! पङे रहते अगर बाहर तो ये खुदकसी होती! दीपावली का त्योहार भी बेरोजगारी बिमारी महामारी का उपहार देकर गुजर गया! हर्ष! विमर्श !उत्कर्ष!प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी नियत समय पर आकर दस्तक दे रहा है!कभी उत्कर्कषअट्टाहास कर रहा हैतो कभी आपसी बिमर्श की जरूरत आवश्यक हो जा रही है! यह सदी त्रासदी केआलिंगन में स्वालम्बन का परिवेश बनाते हुयै शनै: शनै: गुजर रही है!तबाही का दौर गुजर चुका है! आर्थिक मन्दी अब लोगों की रजामन्दी से सियासत की गन्दी खेल का शिकार हो चुकी है! करोना की महामारी ने अर्थ तन्त्र को पूरी तरह से पंगु और परतन्त्र बना दिया है! इस देश के युवाओं के भविष्य को मिट्टी में मिला दिया है! बेरोजगारी बेकारी ने जिन्दगी को उधारी पर ला दिया है ! कदम कदम मुफलिसी मुस्करा रही! जब जब मौका मिलता है अपना रंग दिखा रही है!सियासी परीक्षा के बाद लगातार बिहार में सरकार बनाने के लिये समीक्षा चल रही है! अटकल बाजीयो का दौर चल रहा है!चुनावी महासागर में आरजेङी की सियासी कश्ती का किनारे पहुँच कर डूबना सबको खल रहा है!सुशासन बाबू की सातवी बार ताजपोशी इस बार भी खामोशी से किये जाने की तैयारी चल रही है! लोग हैरान है! परेशान है!चुनाव आयोग के कारनामो को देखकर अचम्भित है! जनचर्चा है लगभग एक दर्जन आरजेङी के लोग चुनाव जीत कर हार गये! फैसला लोकमत में बहुमत का जनमत ने दिया! मगर घोषणा के समय जब उद्घोषणा जारी हुआ तो आरजेङी का फजीहत हो गया! महज चन्द वोटों से चुनाव कुछ लोगो के हार जाने का ऐलान लोगों को परेशान कर दिया!! लेकीन सुनामी में किसकी कौन सुनता है!आज बौखलाहट में बिहार की जनता है!अभी तक सङको पर नही उतरी यह उसकी महानता है! कहा गया है कि एक बार बिल्ली का मुंह गरम दूध से जल जाये तो मट्ठा भी फूंक कर पीती है! ठीक वही हालत बीजेपी मुखिया की हो गयी थी ! महाराष्ट्र में मुँहकी खाने के बाद पैनी नजर हर परिणाम पर लगा रखी है! सत्ता का सदुपयोग अब सबको दिखा रखी है! हालात अब यह बयाँ कर रहें है समरथ को नहीं दोष गुसाई! देश के परिवेश में बिद्वेश का सन्देश बिहार की धरती से जिस तरह फैल रहा है वह आने वाले दिनों में भारत के लोकतान्त्रिक् ब्यवस्था में राष्ट्रीय आस्था पर प्रहार करता नजर आ रहा है! नितीश कुमार सातवीं बार बिहार में बना रहे हैं सरकार!फील हाल अभी तक समरसता कायम नहीं हो पाई है! बनी हुयी है घटक दलों में आपसी तकरार! हालाकि की मोदी का मैजिक काम करना शूरू कर दिया है! धीरे धीरे सारे सियासी घटक दलों के खिलाङी रिंग मास्टर के इशारे पर एक ही तम्बू के नीचे आने को मजबूर है!इसी के लिये तो मोदी मशहूर है!बिहार सरकार के मुख्यमन्त्री नितीश कुमार ने बिधान सभा भंग करने के लिये राज्यपाल को त्याग पत्र दे दिया है! सोमवार को बन सकती है बिहार में बर्तमान सरकार! नितीश कुमार के तकदीर का फैसला इस बार भी हौसला के साथ होने वाला है!सियासत के आसमान पर बिरोध के बादल उमङ घुमङ रहे है!अनकूल मौसम मिला तो जमकर बरस सकते है! हलाकि सधे कदमों से सियासत के माहीर खिलाङी मन्जिल के तरफ हर कदम सोच समझ कर बढा रहें है! देखिये आने वाले कल में ब्यवस्था की बदली सियासी क्षितिज से समरसता की बर्षात कर नव बिहान में खिलखिलाती मुस्कराती अठखेलियां करती बिहार की बागी धरती पर भगवान भाष्कर की सुनहली किरणों से सुगन्धित सुसज्जित आभामयी छटा को बिखेरते नये इतिहास की संरचना मे प्रवंचना भरे माहौल का बर्णन करते हुये पदार्पण करती है! या फिर बर्तमान का समर्पण कर सब कुछ अर्पण करते हुये लोकमत का तिलान्जलि और तर्पण कर जाती है! गुजर गयी मनहूसियत लिये दीवाली ! कंगाली बदहली में खुशहाली ने दम तोङ दिया है! यह दर्द केवल आम आदमी के खाते मे दर्ज है! वर्ना सियासत के नफासत में तो हर जगह हरियाली ही हरियाली है!अयोध्या में नयनाभिराम दृष्य दुनियाँ के फलक पर अदृष्य छाप छोङ दिया है! कल कल करती सरयू के पावन तट पर बिहंगम नजारा पेश करती अरूणिमा!अनुपम छटा बिखेरती पूर्णिमा का आभास करा रही थी! जगमग दीपो से सुसज्जित अयोध्या में रामराज वास्तव मे उतर आया!इस सदी में इतिहास ने सदियों से मुस्कराते सनातनी परिहास का बिनाश कर दिया! कल्पना साकार हो उठी!हर तरफ से आवाज आ रही थी प्रवीश नगर कीजै सब काजा! वास्तविकता का भान आधुनिकता से भरे इस महौल मे कोलाहल पैदा कर दिया!वही अयोध्या है! जिसका मतलब परस्ती में मतलबी सियासतदारो ने सौदा कर दिया! न कहीं द्वेश न बिद्वेश हर जगह समरसता का समावेश बदल गया पूरी तरह परिवेश!जिधर देखिये भाईचारगी का निवेश! वक्त बर वक्त बदल चुका है!कल किसने देखा है! लेकीन बतर्मान का नजारा तो अजूबा और अनोखा है! इस लिये पुराने लोग कह गये सब दिन जात न एक समाना! सब का समय बदलता है! बस आने वाले कल का इन्तजार करे!! पुरातन इतिहास अपना वजूद दोहरायेगा!अतीत को याद कर एक बार फिर मुस्करायेगा।



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