गोरखपुर से वाराणसी के मध्य एक बड़ा हिस्सा अब विद्युतीकृत रेल खण्डों से जुड़ जायेगा

रिपार्ट : शुभम वाधवानी

कोविड-19 के कारण लागू देशव्यापी लाॅकडाउन एवं कोरोना संक्रमण के इस कठिन समय में भी पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा अनेकों विकास के कार्य सम्पादित किये जा रहे है। इसी क्रम में वाराणसी मंडल के भटनी-औंड़िहार रेल खंड पर 125 रूट किलोमीटर के विद्युतीकरण का चुनौतीपूर्ण कार्य पूर्ण कर 18 जून, 2020 को भटनी-किड़िहरापुर के मध्य तथा 19 जून,2020 को औड़िहार-इन्दारा के मध्य इलेक्ट्रिक इंजन ट्रायल सम्पन्न हुआ । विद्युतीकृत इन रेल खण्डों का शीघ्र रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा निरीक्षण किया जायेगा । इस खंड के विद्युतीकरण से अब गोरखपुर से वाराणसी के मध्य एक बड़ा हिस्सा अब विद्युतीकृत रेल खण्डों से जुड़ जायेगा, जिससे अन्य लाभों के अतिरिक्त गाड़ियों के समय-पालन में भी अपेक्षित सुधार होगा।

ऊर्जा संरक्षण को लेकर रेल प्रषासन बेहद सजग है। इसी क्रम में पूर्वोत्तर रेलवे ने पिछले वर्ष 540 रूट किमी. रेलवे ट्रैक के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया । विगत कुछ वर्षों में पूर्वोत्तर रेलवे में विद्युतीकरण के कार्य में अच्छी-खासी तेजी आयी है। वर्ष 2016-17 में 159.20 रूट किमी., 2017-18 में 167.14 रूट किमी. एवं 2018-19 में 431.23 रूट किमी. रेल खण्ड का विद्युतीकरण कार्य पूरा हुआ । जैसा कि सभी को ज्ञात है कि विद्युतीकरण से एक ओर पर्यावरण को लाभ पहुंचता है, ध्वनि प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी, वहीं डीजल पर निर्भरता समाप्त होगी, जिससे ईंधन खर्च में कमी आयेगी तथा आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।

इस खण्ड के अतिरिक्त अन्य खण्डों पर भी विद्युतीकरण का कार्य लगभग पूर्ण कर लिया गया है। लखनऊ मण्डल के गोण्डा-सुभागपुर खण्ड (11 रूट किमी.) पर भी 19 जून,2020 को इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रायल सम्पन्न हुआ। इज्जतनगर मण्डल पर कासगंज-बरेली खण्ड (108 रूट किमी.) के विद्युतीकरण का कार्य भी लगभग पूर्ण कर लिया गया है। इन खण्डों पर शीघ्र ही रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा निरीक्षण किया जायेगा । इन तीनों खण्डों के विद्युतीकरण होने के उपरान्त पूर्वोत्तर रेलवे पर कुल 1967 रूट किमी. रेलपथ विद्युतीकृत हो जायेगा।



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