सम्पादकीय

जगदीश सिंह

मऊ जिला पुलिस कप्तान साहब को अपने अधिनस्थो के कारनामो का खामियाजा भुगतना पङा अब जब की महज चन्द महीने ही रह गया था रिटायर्ङ होने मे ऐसे मे तबादले का कोई औचित्य समझ मे नही आता दलालों के मोहपाश मे बँधे कोतवाली व थानों की कमान सम्हालने वाले बहादुर वर्दी धारियों का रिश्ता अपराधियो से खाश होता जा :हा है जिसका खामियाजा भुगत रही है म ऊ की जनता अपराध सुरसा के तरह मुह बाये इन्सानियत को लील रहा है हर तरफ हाय तौबा थानों मे दलालों का बोल बाला भ्रष्टाचार के दावानल मे हो रहा है सब कुछ स्वाहा नेता बेईमान नकारा साबित हुवे कराहती छटपटाती ब्यवस्था पर कुङली मार कर बैठे है भ्रष्टाचारी मारे मारे फीर र:है है गरीब असहाय हर तरफ हताशा निराशा का माहौल किसी की कोई सुनने वाला नही लूट मची है हर तरफ थाना दवा खाना से लेकर मयख़ाना तक हो रहा है भ्रष्टाचार का नंगा नाच पुलिस बेलगाम नेता बेजुबान अधिकारी निरंकुश सब कुछ भगवान भरोसे आये दिन पुलिस गाली सुन रही है थानों मे नेताओ की दबंग ई जग जाहिर है दलालों का बरचश्व कायम है अपराधियो बे खौफ अपराधो को अनाजाम दे रहे है पुलिस ब्यवस्था को अपराधी ललकार रहे है जिले के मुखिया को भी पुलिस नेताओ के बदौलत बौना बना रहे है इस जिले की ब्यवस्था की हालत अन्धेर पुर नगरी चौपट राजा वाली हो गयी है पुलिस के कुछ बदनाम अफसरों के चलते आला हाकिम को जगह बदलनी पङी है अब तो नये कप्तान साहब की ब्यवस्था के आकलन मे लग गये भ्रष्टाचारी देखना है इस बिखरे माहौल और बदनाम पुलिस अफसरों से कैसे निपटें है जिले के नवजात मुखिया



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