महिलाओं की ताकत ने हटाया था बहु चर्चित बद्री जायसवाल का ठेका

सहादत पुरा स्थित शराब की दुकान हटाने के संघर्ष में जान गवाने वाले नागरिकों को दी गई श्रद्धांजलि। 3,4 अप्रैल 2000 की रात में सहादतपुरा शराब की दुकान हटाने का संघर्ष चला रहे आंदोलनकारियों पर पुलिस ने बर्बर दमन किया था जिसमें पुलिस की गोली लगने से केवली देवी की मौत हो गई थी।

लोगों को संबोधित करते हुए अभिनव कदम के संपादक जयप्रकाश धूमकेतु ने कहा कि शराब की दुकान हटाने का नागरिकों का आंदोलन महिलाओं व बच्चों के मुक्ति का आंदोलन था। एक सर्वे में उस दौरान मोहल्ले के 36 नौजवानों की शराब पीने के कारण मौत हो गई थी। सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि शराब एक सामाजिक बुराई है इसके खिलाफ संघर्ष करने वाली बहादुर महिलाये धन्यवाद की पात्र हैं और हम उनको सलाम करते हैं। उत्तर प्रदेश किसान सभा के नेता कामरेड वीरेंद्र कुमार ने कहा कि महिलाओं की सहादतपुरा शराब की दुकान के खिलाफ चलाए गए संघर्ष से हासिल हक अधिकार से आज यहां का माहौल बदला है। यहां के लोग अब समझदार हुए हैं और अपने बीच की बेटी को चुनकर मऊ के सदन में भेजा है। शिक्षा को लेकर और जागरूक होने की जरूरत है। सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद मूर्ति ने कहा कि यहां के शराब की दुकान हटाने के संघर्ष में शामिल बहादुर महिलाएं बिना डरे अपने मुक्ति के लिए लड़ी शराब जैसी बुराई से सबसे ज्यादा महिलाएं प्रभावित होती है। शराब की दुकान हटाने की जीत महिलाओं की एक एकता और संघर्ष की ताकत को बयां करता है। श्रद्धांजलि सभा का संचालन बसंत कुमार ने किया है। इसमें प्रमुख रूप से हरिचरण सोनकर, हरिशंकर गुप्ता, विनोद राजभर, घूरा सोनकर, सिंटू सिंह, जितेंद्र, अंगद राजभर ,पवन राजभर, कमलेश सोनकर, फेकू राजभर, मन्नू राजभर, सुनील राजभर, सहित सैकड़ो महिलाएं शामिल रही। *बसंत कुमार द्वारा जारी*7355651626*



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