आनलाइन ठगी गई रकम (2 ,20,000रू) पुनः खाते में साइबर क्राइम पुलिस थाना द्वारा वापस कराया

साइबर अपराध के माध्यम से ठगी गई धनराशि वापस दिलाने व साइबर अपराध पर प्रभावी कार्यवाही करने के परिप्रेक्ष्य से चलाये जा रहे अभियान के तहत श्रीमान् पुलिस अधीक्षक मऊ श्री इलामारन जी के कुशल निर्देशन व अपर पुलिस अधीक्षक श्री महेश सिंह अत्री तथा क्षेत्राधिकारी अपराध महोदय के निकट पर्यवेक्षण में साइबर क्राइम पुलिस थाना जनपद मऊ के टीम द्वारा सार्थक प्रयास करते हुये आनलाइन ठगी के शिकार पीडित तपन यादव पुत्र श्रीनाथ यादव ग्राम दौलसेपुर पोस्ट दौलसेपुर जनपद मऊ का कुल 2,20,000 रूपये की सम्पूर्ण धनराशि अथक परिश्रम कर उनके खाते में वापस कराया गया।

आवेदक द्वारा उच्चधिकारियों व साइबर क्राइम पुलिस थाना के अधिकारी/ कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया। निम्नलिखित सामान्य सी लग रही बातों का ध्यान ना देने के कारण साइबर फ्रॉड का शिकार हो रहे लोग* 01. लाटरी, लकी ड्रा, कैश बैक, रिवार्ड प्वाइंट, सस्ते लोन, नौकरी लगवाना, मोबाइल टॉवर, शादी आदि के बारे में कोई भी कॉल, मैसेज या विज्ञापन पर भरोसा न करें और न ही किसी खाते या ई-वालेट में रूपया जमा करें। 02. ई-मेल के जरिए कोई भी व्यक्ति लाटरी या अपनी सम्पत्ति दान करने की बात करें तो उस पर भरोसा न करें। 03. OLX पर कुछ भी बेचने या खरीदने में सावधानी बरते। किसी भी लिंक पर क्लिक न करें। रूपये प्राप्त करने के लिए किसी भी लिंक पर क्लिक करने के लिए आवश्यकता नही होती। सामान प्राप्त होने पर ही भुगतान करें। 04. किसी भी माध्यम से प्राप्त लिंक पर क्लिक कर अपनी निजी जानकारियाँ या बैंक खाते से जुडी हुई जानकारियाँ (जैसे-PIN, OTP, C.V.V, CARD NO, UPI PIN, PAN NO, ADHAR NO, MOBILE NO, E-Mail ID) दर्ज न करें। 05. Google Pay, Phone Pay, Paytm आदि के द्वारा रूपये के लेन देन की सुविधा में एक विशेष सुविधा दी गयी है जो कि “Request Money” के नाम से जानी जाती है जिसका कार्य रूपये उधार लेने के लिए किया जाता है, अतः PAY, CANCEL, LATER पर ध्यान देते हुए क्लिक करें। 06. किसी कॉल या SMS से प्राप्त सिम अपग्रेड (2G/3G/4G) करने की रिक्वेस्ट को स्वीकार न करें। और न ही अपने मोबाइल नम्बर से कोई SMS फारवर्ड करें। 07. यदि आपका सिम अचानक काम करना बन्द कर दे या नेटवर्क गायव हो जाये तो तत्काल कस्टमर केयर से सम्पर्क करें। साइबर ठग आपकी निजी जानकारी चुराकर SIM बन्द कराकर डुप्लीकेट SIM जारी करा सकते है। 08. किसी भी फर्जी PHONE CALL, SMS, Whatsapp, E-mail या किसी भी माध्यम से प्राप्त ऑनलाइन फार्म / Google Form के लिंक को न तो क्लिक करें और न ही कोई जानकारी साझा करें। 09. Facebook, Whatsapp, Instagram आदि पर अनजान लोगो से न जुडे और न ही अनजान लोगो से चैट / वीडियो कॉल पर बातचीत करें। साइबर ठग आपके साथ हुए चैट का स्क्रीनशॉट या वीडियो कॉल की स्क्रीन रिकार्डिंग कर उसे वायरल करने की धमकी देकर रकम की मांग कर आपको मुसीबत में डाल सकते है। 10. एटीएम से निकासी / कार्ड स्वेप करके खरीदारी अपने सामने ही करें। तथा पिन को हाथ से छुपा कर डाले। किसी भी अनजान व्यक्ति की सहायता न ले। 11. किसी भी अनजान व्यक्ति के कहने पर अपना हॉट-स्पॉट डाटा शेयर न करें। 12. गूगल पर सर्च किये गये Customer Care NO का इस्तेमाल न करें। आपके साथ धोखा हो सकता है। 13. किसी भी व्यक्ति के कहने पर Remote Access App जैसे Quick Support, Any Desk, Team Viewer आदि Download न करे और न ही उसका PIN व ID शेयर करें। *साइबर अपराध किसी के साथ और किसी भी प्रकार से घटित हो सकता है। बस जागरूक रहकर ही साइबर अपराध से बचा जा सकता है* किसी भी प्रकार का साइबर अपराध होने पर तत्काल निम्नलिखित तरिकों के माध्यम से सूचना दें। 01. साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930/112 पर कॉल करें। 02. www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें। 03. UPCOP मोबाईल ऐप से रजिस्टर ई-FIR तथा अपने जनपद थाना व साइबर क्राइम सेल से तत्काल सम्पर्क करें। *बरामदकर्ता साइबर क्राइम पुलिस थाना टीम-* 01. उ0नि0 सुनील मलिक, 02. मु0आ0 शैलेन्द्र कुमार कन्नौजिया, 03. आरक्षी शशीकान्त मणि त्रिपाठी, 04. आरक्षी अनूप यादव साइबर, 05. आरक्षी प्रभात कुशवाहा, 06. महिला आरक्षी वन्दना पाण्डेय, साइबर क्राइम पुलिस थाना जनपद- मऊ ।



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