जिले की शत प्रतिशत बच्चियों को इस योजना का दिलाए लाभ: डीएम

जिलाधिकारी ने की कन्या सुमंगला योजना की समीक्षा

बलिया। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्ट्रेट स्वागत में कन्या सुमंगला योजना की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिलाधिकारी ने जिले की शत प्रतिशत बच्चियों को इस योजना का लाभ दिलाने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने कहा कि यह माननीय मुख्यमंत्री जी की फ्लैगशिप योजना है, इस योजना का जिक्र मुख्यमंत्री जी ने नारी शक्ति बंदन महिला महासम्मेलन में भी किया था। इसमें बालिकाएं लाभान्वित होती हैं और लगभग शत प्रतिशत बच्चियां इस योजना में कवर होती हैं। श्रेणी वन और श्रेणी 2 के अंतर्गत लाभ पाने वाली बच्चियां आंगनबाड़ियों के संपर्क में रहती हैं। उन्होंने सभी सीडीपीओ को आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से जन्म लेने वाली और टीकाकरण कराने वाली पात्र लाभार्थियों की सूची बनाकर लाभान्वित करने का निर्देश दिया। साथ ही जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी और जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देश दिया कि मैं इस योजना से संबंधित सभी सीडीपीओ के प्रगति की ब्लॉक वाइज समीक्षा करूंगा। उन्होंने कहा कि आप लोग इस महत्वपूर्ण योजना को सफल बनाने के लिए सच्ची लगन और श्रद्धा से काम करें। इस बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी के एम पांडे सहित सभी ब्लॉकों के सीडीपीओ एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।

जिलाधिकारी ने की प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की समीक्षा
बलिया। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत जिला स्तरीय कृत्यानंद समिति की बैठक की समीक्षा की गई। इस बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि हमारा जनपद प्रदेश के उन 9 जिलों में शामिल है जहां पर प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना लागू है।
उपायुक्त उद्योग मायाराम ने बताया कि इस योजना में 18 व्यवसायों में लगे कारीगरों और शिल्पकारों को शामिल किया गया है। जैसे- दर्जी, नाई, मोची, बढई, लोहार, कुंभार, सोनार मूर्तिकार ,राजमिस्त्री, धोबी, मालाकार, नाव व ताला बनाने वाले, टोकरी व गुड़िया खिलौने बनाने वाले, हथौड़ा बनाने वाले एवं मछली का नेट बनने वाले आदि हैं। इस योजना की पात्रता हेतु शर्तें निम्नवत है-आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष से कम ना हो, परिवार का एक ही व्यक्ति लाभ हेतु पात्र होगा, सरकारी सेवा में योजित व्यक्ति का परिवार पात्र नहीं होगा, हस्तशिल्प पारंपरिक व्यवसाय से जुड़ा होना चाहिए, किसी भी योजना में विगत 5 वर्षों से ऋण प्राप्त न किया हो।
उपयुक्त उद्योग मायाराम ने बताया कि जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति द्वारा सत्यापित 294 लाभार्थियों की सूची को राज्य स्तरीय निगरानी समिति को प्रेषित किया गया है।उक्त योजना का संचालन PM vishwakarma.gov.in के माध्यम से किया जाता है। प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना के तहत प्रधानमंत्री विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड के माध्यम से मान्यता, कौशल सत्यापन के माध्यम से कौशल उन्नयन, बुनियादी कौशल, उद्यमशीलता ज्ञान,₹15000 तक टूलकिट प्रोत्साहन, 3 लाख तक क्रेडिट सहायता और डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहन सुनिश्चित करती है।



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