कताई मिल ईपीएफ पेंशनर संघ, मऊ

27,सितंबर,मऊ ई पी एस 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति की राष्ट्रव्यापी आंदोलनात्मक कार्यक्रम के तहत कताई मिल के इपीएफ पेंशनर्स आज मऊ कलेक्ट परिसर में कताई मिल इपीएफ पेंशनर्स संघ मऊ के बैनर तले एकत्रित संयुक्त श्रमिक संगठनों ने जिला मुख्यालय पर किया प्रदर्शन। श्रम एवम् रोजगार मंत्री को संबोधित चार सूत्री मांग पत्र जिला प्रशासन को सौंपा।प्रदर्शन करने मे कताई मिल ई पी एफ पेंशनर संघ (एटक), सेंटर आफ इंडिया ट्रेड यूनियन्स (सीटू), आल इण्डिया सेंटल काउंसिल आफ ट्रेड युनियन्स (एक्टू) शामिल रहे।

लोगों को संबोधित करते हुए कताई मिल इपीएफ पेंशनर संघ के नेता श्री राम सिंह ने कहा कि कताई मिल व कारखाना मज़दूरों की वर्षों से आंदोलन के बावजूद महगाई भत्ते से जुड़े न्यूनतम पेंशन सात हजार पांच सौ रुपया मासिक तय किए जाने की मांग पर सरकार मौन है। यहां तक की कोश्यारी समिति की सिफारिश ईपीएफओ के ट्रस्टियों के केंद्रीय बोर्ड तथा लोकसभा की स्थाई समिति की इपीएफ पेंशनरों को न्यूनतम पेंशन रुपए 3000/ मासिक निर्धारित किए जाने की सिफारिश तक पर भी अमल करने में सरकार कई सालों से टालमटोल कर रही है।आश्चर्यजनक है कि संसद में सरकार द्वारा घोषित तथा सरकारी गजट के प्रशासन के बावजूद नवंबर 2014 से लागू न्यूनतम पेंशन 1000/ का भुगतान भी लाखों ऐप पेंशनरों को नहीं किया जा रहा है। पेंशनर संघ के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह ने कहा कि न्यूनतम पेंशन के विषय में ईपीएफओ द्वारा कहा जा रहा है कि वह स्वयं वित्त पोषित योजना है जबकि सच यह है कि सरकार का अंशदान 1971में की पुरानी स्कीम में भी 1.6प्रतिशत था और आज भी 1.16 प्रतिशत ही है। कोश्यारी समिति ने इसे बढ़ाकर 8.33 प्रतिशत की सिफारिश की थी। ईपीएफओ के तरफ से यह भी कहा जाना कि पेंशन वृद्धि बजटीय समर्थन के बिना संभव नहीं है। लेकिन वास्तविकता यह है कि ईपीएफओ के पेंशन फंड से ही साढ़े सात हजार व महंगाई भत्ता समेत न्यूनतम मासिक पेंशन का भुगतान संभव है। लेकिन भारत सरकार मजदूरों के पक्ष में फैसला लेने में हीला हवाली कर रही है। पेंशनर संघ के संगठन मंत्री राम जन्म ने कहा कि हम पेंशनर मजदूरों की संख्या लाखों लाख में है हमें संगठित होकर मजदूरों के हित में मजदूर विरोधी मोदी सरकार को सत्ता से बाहर हटाना होगा। श्रमिक संगठन एक्टू के जिला संयोजक शिव मूरत गुप्ता ने कहा कि मजदूर विरोधी मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही सबसे पहले मजदूर विरोधी कानून बनाकर मजदूरों को हासिल सारे अधिकारों को छीन लिया। कॉरपोरेट पूंजीपत्तियों के लिए 12-12 घंटे काम और यूनियन बनाने का अधिकार छीन लिया। यह मोदी सरकार मजदूर विरोधी सरकार है अपना हक हिस्सा लेने के लिए इसे सत्ता से हटाना होगा प्रदर्शन को भाकपा माले जिला सचिव बसंत कुमार ने भी संबोधित किया और अपना समर्थन दिया। प्रदर्शन में प्रमुख रूप से सुरेश पाल, रवि शंकर पांडे अजय मिश्रा, शंकर यादव, चंद्रदीप यादव, रामलाल यादव ब्रह्मदेव यादव, बालकरण, रामजन्म राजभर ,ओम प्रकाश यादव, लाल बहादुर, गोकुल , _सुरेंद्र राजभर, विद्याधर कुशवाहा आदि उपस्थित रहे।



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