वार्ड नंबर 11 में बुनाई विद्यालय के पीछे नाली नाला निर्माण कार्य में पुराने ईंट का किया जा रहा प्रयोग

रिपोर्ट : मो0 अशरफ

◆ मेंबर कहलाना तो पसंद करते हैं, लेकिन उनके क्षेत्र में काम कितने लाख की लागत से हो रहा है उन्हें यह मालूम ही नहीं है ◆ मानक के अनुरूप काम न होने से स्थानीय लोगो मे भारी आक्रोश

मऊ :- पालिका अध्यक्ष मोहम्मद तय्यब पालकी की ओर से मऊ नगर के अंदर विकास कार्यों को कराए जाने और गुणवत्ता के अनुरूप काम होने के भले ही बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हो लेकिन वहीं दूसरी ओर नगरपालिका के ठेकेदार और उनके ही दावों की धज्जियां उड़ाते हुए करप्शन करने में मसरूफ हैं। शायद उनका कोई बाल बांका करने वाला नहीं है, क्योंकि वह पालिका अध्यक्ष के बहुत ही करीबी समझे जाते हैं। पालिका के कामों में करप्शन इस कदर है कि अगर कोई काम से संबंधित ठेकेदार की शिकायत करता है तो वह शिकायत रद्दी की टोकरी में पड़ी रहती है और किसी भी ठेकेदार के खिलाफ पालिका अध्यक्ष या अधिशासी अधिकारी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जाती तभी तो वह सीनाजोरी के दम पर करप्शन को बखूबी अंजाम देते हैं। जी हां ऐसा ही एक और मामला शहर के वार्ड नंबर 11 में बुनाई विद्यालय के पीछे नाली नाला निर्माण का कार्य जारी है, जिसमें पुरानी ईट का भरपूर प्रयोग किया जा रहा है तो वही ईट भी सेमा और मसाला भी बिल्कुल गुणवत्ता के विपरीत है, जिसकी वजह से स्थानीय लोगों में जबरदस्त नाराजगी पाई जा रही है। स्थानीय लोगों ने सीधे तौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि ठेकेदार और स्थानीय सभासद की मिलीभगत की वजह से करप्शन किया जा रहा है।

जब इस संबंध में पत्रकारों ने स्थानीय सभासद खुशहाल सिंह बड़े से उनका पक्ष जाना तो उन्होंने कहा कि काम गुणवत्ता के अनुरूप कराए जा रहे हैं। जब उनसे कहा गया कि नाली में पुरानी ईट का प्रयोग किया जा रहा है तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस संबंध में मालूम नहीं है स्वयं को मेंबर कहलाना तो पसंद करते हैं, लेकिन उनके क्षेत्र में काम कितने लाख की लागत से हो रहा है उन्हें यह मालूम ही नहीं है।

इतना ही नहीं उनके क्षेत्र में कितना और कहां-कहां काम कराना है उन्हें यह भी मालूम नहीं है, लेकिन वह मेंबर साहब, जनता के उत्थान हेतु उन्हें कितनी फिक्र है यह तो स्थानीय लोग ही बेहतर बताएंगे, लेकिन कमीशन को लेकर पालिका अध्यक्ष से ले कर अधिशासी अधिकारी और सभासद गण अच्छी तरह से हिसाब किताब रखते हैं और यह भी कहते हैं कि ऑफिस का जो हमेशा से कटता आ रहा है वही कटता है यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि इसी पालिका के सभासद गण और अधिकारीगण दबी जुबान में कुबूल कर रहे हैं। खैर करप्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार से कहा था कि करप्शन को क्यों ना हिंदुस्तान में कानूनी दर्जा दे दिया जाए तो शायद अब करप्शन कोई गुनाह ना रहा इसलिए हर कोई गुणवत्ता की दुहाई देकर करप्शन को अंजाम दे रहा है।



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