वर्ल्ड ड्राउनिंग प्रीवेंशन डे 25 जुलाई को

जिलाधिकारी ने वर्ल्ड ड्राउनिंग प्रीवेंशन डे के अवसर पर डूबने से बचाव हेतु सुरक्षा उपायों को अपनाने की कि अपील।

संयुक्त राष्ट्र महासंघ द्वारा 25 जुलाई को वर्ल्ड ड्राउनिंग प्रीवेंशन डे घोषित किया गया है। प्रदेश में हर वर्ष विभिन्न आपदाओं से होने वाली जनहानियों में डूबने से होने जनहानि सबसे अधिक है। इन पीड़ितों में अधिकांश बच्चे और महिलाएं हैं। जिसके मुख्य कारण नाव पलटने, तैराकी, त्योहारों के दौरान पर्यटन गतिविधियां आदि है। यह वैश्विक कार्यक्रम समुदायों से होने वाले प्रभाव से जागरूक करने और इसे रोकने के लिए आवश्यक उपाय प्रदान करने के अवसर के रूप में मनाया जाता है। जिसके क्रम में जिलाधिकारी श्री प्रवीण मिश्र ने जनपद वासियों से अपील की कि डूबने से बचाव हेतु निम्न सुरक्षा के उपाय को अपनाए। यदि तैरना न आता हो तो नदी, नहर, नाले, तालाब आदि में कदापि न जाए एवं अपने स्वजन को भी जाने से रोके। बच्चों को पुलिया एवं ऊंचे टीलो से पानी में कूद कर स्नान करने से रोके। अति आवश्यक हो तो ही पानी में उतरे एवं गहराई का ध्यान दें। ओवर लोडेड नौकाओं में ना बैठे। कोशिश करें कि किसी नदी, पोखर, तालाब या जल स्रोत में सामूहिक रूप से स्नान करने जाते समय साथ में 10-15 मीटर लंबी रस्सी, धोती, साड़ी अवश्य रखें। नदियों, नहरों, जलाशयों या अन्य जल स्रोतों के पास लिखी हुई चेतावनी की अवहेलना ना करें। छोटे बच्चों को घाटों एवं जल स्रोतों के समीप न जाने दें। किसी के उकसावे में आकर पानी में छलांग न लगाए। नदियों या अन्य जल स्रोतों के घाटों पर रीति रिवाजों एवं संस्कारों का निर्वहन करते समय सावधानी बरते। नदी या तालाब में तैरते/स्नान करते समय स्टंट न करे, सेल्फी आदि न लें ऐसा करना जानलेवा हो सकता है। उन्होंने समस्त संबंधित अधिकारियों को डूबने से बचाव की जानकारी का व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए जिससे डूबने से होने वाली जनहानि को काम किया जा सके।



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