परिवार में किसी एक या मुखिया को ही पी०एम० किसान का लाभ : उप कृषि निदेशक।

कृषि उपनिदेशक सत्येंद्र सिंह चौहान ने बताया कि जनपद के समस्त कृषक भाइयों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निथि योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु जन सेवा केन्द्र या स्वयं से पीएम किसान पोर्टल पर पंजीकरण कराया जाता है। किसान भाई पंजीकरण कराते समय यह ध्यान दे कि जिन किसानो ने 01 फरवरी 2019 के बाद बैनामा रजिस्ट्री कराया है वह पी०एम० किसान सम्मान निधि लेने हेतु पात्र नहीं है, परन्तु ऐसे भी किसान भाई अपना पंजीकरण करा रहे हैं, जिसे तहसील/जनपद/राज्य द्वारा रिजेक्ट करना पड़ रहा है।

इसी प्रकार पति-पत्नी दोनो का पंजीकरण कराकर पी०एम० किसान का लाभ प्राप्त कर रहे हैं या अपना पी०एम० किसान का लाभ पा रहे हैं और अब अपनी पत्नी का नया पंजीकरण करा रहे हैं। जबकि परिवार (पति, पत्नी एवं नाबालिक बच्चा को एक परिवार माना जाता है) में किसी एक या मुखिया को ही पी०एम० किसान का लाभ मिलेगा। जनपद के समस्त किसान बन्धुओं से अनुरोध है कि उक्त प्रकार की गलतियां न करें। जो किसान भाई पति-पत्नी दोनो का लाभ पा रहे वह कृषि भवन मऊ पर सम्पर्क कर एक का लाभ बन्द करा दे अन्यथा ज्यादा धनराशि पाने के बाद वसूली के समय समस्या होगी। इसके साथ ही जनपद के समस्त जन सेवा केन्द्र संचालक भी ऐसे अपात्र किसानों का पंजीकरण पी०एम० किसान हेतु न करें। जो किसान पात्र है उनका ही पंजीकरण करें तथा उनकी तहसील द्वारा निर्गत खतौनी ही स्पष्ट एवं पठनीय हो पोर्टल पर अपलोड करें ताकि उनका डाटा तहसील/जनपद/राज्य स्तर से रिजेक्ट न हो। क्योकि डाटा रिजेक्ट होने के बाद किसान को पुनः डाटा ठीक कराने एवं अपलोड कराने हेतु परेशान होना पड़ रहा है। जनपद के ऐसे पात्र किसान जिनका लैण्ड सीडिंग "नो" प्रदर्शित हो रहा है वह अपना आधार एवं तहसील द्वारा निर्गत खतौनी विकाख खण्डों के राजकीय कृषि बीज भण्डार या कृषि भवन मऊ पर जमा करें तथा जिन पात्र किसानों का ई-केवाईसी "नो" प्रदर्शित हो रहा है वह अपने नजदीकी जन सेवा केन्द्र से ई-केवाइसी करा लें। जिन पात्र किसानों का बैंक खाता आधार से लिंक नहीं हुआ है वह अपने बैंक से सम्पर्क स्थापित कर आधार को बैंक खाता से लिंक कराने के साथ NPCI मैपिंग भी अवश्य करा लें या पोस्ट आफिस में नया खात खुलवा लें ताकि उनको पी०एम किसान का लाभ मिल सके, वह किसान बैंक में आधार लिंक कराने व NPCI मैपिंग या पोस्ट आफिस में खाता खुलवाने के बाद कार्यालय का चक्कर न लगायें, क्योकि भारत सरकार द्वारा उनका डाटा फिल्टर होने के उपरान्त अपने आप ही पी०एम किसान का पैसा जाने लगेगा। जो किसान भाई अपात्र हैं और गलति/त्रुटि से उनका पंजीकरण पी०एम किसान पर हुआ है, परन्तु उनका लैण्ड सीडिंग, ई-केवाईसी "नो" प्रदर्शित हो रहा है एवं आधार खाता बैंक से लिंक नहीं है यह कृषि भवन मऊ में सम्पर्क स्थापित कर अपना डाटा डिलिट करा दें ताकि उनको भविष्य में कठिनाइयों का सामना करना न पड़े।



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