सुभाष चंद्र बोस के ड्राइवर को शहीदी दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर मऊ में लोगों ने मौन प्रदर्शन किया।

करनल निजामुद्दीन जो सुभाष चंद्र बोस के ड्राइवर थे उनके लिए शाहिद की दर्जा का मांग करने लगे "याद करो कुर्बानी" का बैनर लगाकर धरना पर स्थल पर बैठे लोगों ने या सुभाष चंद्र बोस को याद किया वहीं तात्कालिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी उनके वादों की याद दिला दी।

याद करो कुर्बानी की बैनर तले बैठे विंध्याचल चौहान ने बताया कि कर्नल निजामुद्दीन सुभाष चंद्र बोस के ड्राइवर रहे साथ ही उनके संरक्षक भी। आजादी की लड़ाई में सुभाष चंद्र बोस का पल-पल साथ निभाने वाले करनाल निजामुद्दीन को अभी तक शहीद का दर्जा नहीं दिया गया है।

2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान देश के तात्कालिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चुनावी भाषणों में तथा बनारस बुलाकर उनका सम्मान किया था तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का ओहदा दिए जाने की बात कही थी। स्पीच करनाल निजामुद्दीन अब हमारे बीच नहीं है लेकिन उन्हें नहीं स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिया गया और ना ही शहीद का। हम प्रशासन से और इस सरकार से मांग करते हैं कि दिवंगत करनाल निजामुद्दीन को शहीद का दर्जा दिया जाए



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