26 नवम्बर 2023, आजमगढ़ पुस्तक मेला

मुकेश कुमार मेश्राम, प्रमुख सचिव, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की प्रेरणा से श्री विशाल भारद्वाज, जिलाधिकारी आजमगढ़ के मार्गदर्शन में गंगा समिति एवं शुरूआत समिति के माध्यम से हरिऔध कला भवन, परिसर में 24 वें आजमगढ़ पुस्तक मेेलंे के दूसरे दिन ‘‘मेरा पानी मेरी विरासत’’ थीम पर कार्यशाला एवं विमर्श का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा.दिनेश ने कहा कि आज के प्रदूषित वातावरण में सभी को पीने के लिए साफ और मीठा जल नहीं मिल रहा है। जिसके कारण कई प्रकार के बिमारियों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए हम सभी का कर्तब्य है कि हम मीठे पानी की एक-एक बूंद को बचायें ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी को जल के संकट का सामना न करना पड़े। जल का बुद्धिमानी और मितब्यता से उपयोग कर अधिक से अधिक लोगों को जल जागरूकता अभियान से जोड़ कर जल जागरूकता यात्रा चलायें।

इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता एवं विजडम स्कूल की प्रबन्ध निदेशिका श्रीमती पूजा ने कहा कि विमर्श का विषय ‘‘मेरा पानी मेरी विरासत’’ थीम ही अपने आप में हमें प्रेरित करता है कि हमें अपने पूर्वजों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों से सम्पन्न धरा को सजोकर रखना होगा तभी हम आने वाली पीढ़ियों को उपजाऊ धरती को सौप सकेंगें। उन्होंने कहा कि हम खुशनशीब हैं कि हमारे पास इतना मीठा पानी है परन्तु हम उसे हमे सहेजने में सफल नहीं हो पा रहे हैं जिस पर हम सभी को मिलकर मंथन करना होगा।
इस अवसर पर बेसिक शिक्षा अधिकारी समीर ने कहा कि ‘मेरा पानी मेरी विरासत’’ और प्रकृति ही संस्कार है विषय के बहाने विद्यार्थियों को जो प्रकृति संरक्षण के लिए उत्साहित किया जा रहा है यह एक सकारात्मक कदम है।
विमर्श सत्र में अपने विचार प्रस्तुत करते हुए ग्लोबल स्कूल की प्राचार्य श्रीमती मोनिका ने कहा कि हमारी धरती को पानीदार बनाये रखना है तो इसके लिए जरूरी है कि सामुदायिक हिस्सेदारी को सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदायें प्रकृति की तरफ से इंसान को दी जाने वाली चेतावनी है ताकि हम उससे सबक सीख सके। संविधान दिवस के अवसर पर बाबा साहेब को नमन संविधान दिवस के अवसर पर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के योगदान को ससम्मान स्मरण किया गया इस अवसर पर संविधान की प्रस्तावना श्रीमती पूजा राय ने रखा। उन्होने कहा कि आज के दिन को मनाने का उद्देश्य तभी सफल होगा जब देश के नागरिक संबेधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान का व्यवहार करेंगे।

± कार्यशाला में ग्लोबल स्कूल की विशेष भागीदारी आजमगढ़ का जल स्रोत ही आजमगढ़ का वैभव मेरा पानी मेरी विरासत-प्रकृति ही संस्कार है विषय पर आयोजित कार्यशाला में ग्लोबल स्कूल के तारें पानी संरक्षण के लिए अपने विचारों को चित्र एवं लेखन के माध्यम से व्यक्त किया। बच्चों के द्वारा प्रकृति ही संस्कार है विषय पर दी गयी सीख हम बड़ों के लिए भी प्रेरणास्पद एवं सुखद भविष्य के आश्वासन की अनुभूति हुई। विद्यार्थियों ने अपने लेखन एवं चित्रकला के माध्यम से बताया कि आजमगढ़ का जलस्रोत ही आजमगढ़ का वैभव है जो प्रकृति के तरफ से दिया गया इस धरती के लोगों को उपहार है।



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