ऐतिहासिक गुरुद्वारे पर अवैध कब्जा, अदालत के आदेश के बावजूद नहीं हो पा रहा कब्जा मुक्त

गुरु नानक देव जी से जुड़ा हुआ है गुरुद्वारा
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आजमगढ़ सनातन धर्म पर जब विदेशी आक्रमणकारी प्रहार कर रहे थे उस समय गुरु नानक देव जी ने खालसा पंथ बनाया और सभी जगह घूम घूम कर लोगो को जागरूक कर जोड़ा और इसी क्रम में गुरु नानक देव जी आज़मगढ़ भी आये थे और जिस स्थान पर वो ठहरे थे उस स्थान पर पर उस समय के लोगो ने गुरुद्वारे के लिए जमीन दान दी और ऐतिहासिक गुरुद्वारा विट्ठल घाट बन गया लेकिन आज उसी ऐतिहासिक गुरुद्वारे की ज़मीन को लोग कब्जाने लगे है।
ज़मीन को कब्जे से मुक्ति के लिए सिख समाज ने अदालत में लंबी लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की लेकिन आज भी गुरुद्वारे के ज़मीन पर से कब्जा हट नहीं पाया जिसके चलते सिख समाज ने जिला प्रशासन पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए गुरू तेग बहादुर का शहीदी दिवस नहीं मनाया। विठ्ठलघाट के गुरूद्वारा श्रीनानक दरबार पर ताला लगा रहा। सिख समाज का कहना है कि यहां की संपत्तियों पर लगातार कब्जे हो रहे हैं। जिले के आला अधिकारियों से शिकायत किया जा चुका है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही । मीडिया में ये खबर आने के बाद प्रशाशन कब्जा हटवाने पहुंचा तो कब्जाधारकों प्रशाशन से ही भिड़ गए जिसपर प्रशाशन ने कुछ लोगो पर प्राथमिकी भी दर्ज कराई है लेकिन अदालत के फैसले के बाद भी अवैध कब्जा नहीं हट पाया । अब देखना है कि प्रशाशन क्या रुख अपनाता है और अदालत के फैसले पर कितना अमल होता है और कब तक गुरु नानक देव की निशानी इस गुरुद्वारे की ज़मीन पर से अवैध कब्जा हटता है।
बाईट :- जत्थेदार सतनाम सिंह