ऑक्सलेट्स खाद्य पदार्थ से करें परहेज, यह पथरी के है कारक -डॉ अभिषेक गुप्ता

रतनपुरा मऊ। गुर्दे की पथरी को हल्के में न लें । गुप्ता सर्जिकल हॉस्पिटल मऊ के डायरेक्टर जाने माने युवा सर्जन डॉक्टर अभिषेक गुप्ता ( एमबीबीएस एमएस गोल्ड मेडलिस्ट ) के मुताबिक आहार और आदतों में कुछ बदलाव करके गुर्दे की पथरी के उत्तरोत्तर बढ़ाव को रोका जा सकता है।

युवा सर्जन डॉक्टर अभिषेक गुप्ता ने बताया कि अच्छा मूत्र प्रवाह बनाए रखने के लिए सही मात्रा में पानी पीना चाहिए। प्रति दिन कम से कम 8- 10 गिलास पानी जरुर पीना चाहिए। जाड़े के दिनों में लोग आमतौर पर पानी कम पीते हैं ,परंतु ऐसा नहीं होना चाहिए, अगर सामान्य तापक्रम का पानी पीने में परेशानी महसूस हो तो उन्हें गुनगुना पानी पीना चाहिए आहार में कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए। दूध, दही, दाल, संतरे और अन्य डेयरी उत्पाद कैल्शियम से भरपूर होते हैं।

सही मात्रा में प्रोटीन खाएं। आमतौर पर दैनिक प्रोटीन की जरूरत प्रति दिन 2-3 सर्विंग से पूरी हो जाती है। जनरल एवं लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ अभिषेक गुप्ता ने बताया कि अपने भोजन में सोडियम की मात्रा 2-3 ग्राम तक कम करें। प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ जैसे कि हॉट डॉग, चटनी, ड्राई सूप, अचार इत्यादि कम-से-कम खाएं, क्योंकि इनमें नमक अधिक मात्रा में होता है।.विटामिन सी की अत्यधिक खुराक से बचें। क्योंकि विटामिन सी से ऑक्सलेट उत्पन्न होता है, जिसके फलस्वरूप मूत्र में बड़ी मात्रा में ऑक्सलेट की मात्रा बढ़ सकती है। पालक, बादाम, मूंगफली, अखरोट, बटर, ब्लूबेरी जैसे ऑक्सालेट्स से भरे खाद्य पदार्थों के सेवन से भी बचें। चिकित्सकों की सलाह के बिना विटामिन डी की खुराक न लें। उन्होंने बताया कि नियमित व्यायाम से ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और शरीर के वजन को नियंत्रित करें ।क्योंकि इनसे पथरी होने का खतरा कम होता है। गुर्दे अथवा मूत्र से संबंधित कोई परेशानी होने पर विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लेकर के चिकित्सा प्रारंभ करें।



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