क्या उत्तर प्रदेश पर मंडरा रहा है भयानक भूकंप का खतरा ? बीएचयू के प्रोफेसर ने बताया सब कुछ

Report By Anamika Pal

वाराणसी: नेपाल के जाजरकोट जिले के लामिडांडा इलाके में केंद्र बनाकर आए भूकंप ने शुक्रवार की रात नेपाल से दिल्ली तक लोगों को हिला दिया। नेपाल में भूकंप आने के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल, लखनऊ और आस-पास के जिलों, दिल्ली एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में धरती हिल गई। ऐसे में मीडियाकर्मी ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के भू-भौतिकी विभाग (जिओफिजिक्स) के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ संदीप से बात की जो इंडिया में भूकंप पर रिसर्च कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के कौन से इलाकों पर हर समय तीव्र गति के भूकंप का खतरा मंडरा रहा है।

*हिमालयन बेल्ट में आते रहते हैं भूकंप* असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ संदीप ने बताया कि हिमालयन बेल्ट यानी हिन्दुकुश से लेकर नार्थ ईस्ट तक करीब 2500 किलोमीटर तक फैली इस बेल्ट में छोटे मैग्निट्यूट के भूकंप लगातार आते रहते हैं। इसके अलावा बड़े मैग्निट्यूट के भूकंप जैसा 2015 में और अब शुक्रवार को साल 2023 में आया यह भी समय-समय पर आते हैं जिनका प्रभाव ज्यादा होता है। नेपाल में इसलिए ये भूकंप केंद्रित रहे क्योंकि ये हिमालयन रीजन में सबसे करीब है और यहं केंद्र बनता है। भूकंप से पिछली बार भी नेपाल में कोहराम मचा था और इस बार भी कोहराम मचा हुआ है।
न करें पेनिक क्रिएट
डॉ संदीप ने बताया कि भूकंप आने का कारण हिमालयन बेल्ट में स्ट्रेस है। इंडियां सबकॉन्टिनेंट और यूरेशियन सबकॉन्टिनेंट की प्लेट्स में जो आकर्षण है वह एक कारण है भूकंप का , लेकिन हमें भूकंप आने पर पेनिक नहीं क्रीएट करना है। यदि भूकंप आता है तो लिफ्ट की जगह घरों से निकलने के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल करें। अगर घर से बाहर नहीं निकल सकते तो टेबल के नीचे छुप जाएं और पेनिक न क्रिएट करें।

उत्तर प्रदेश के इन हिस्सों में भयानक भूकंप का खतरा* ¡Br>
असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ संदीप ने बताया कि उत्तर प्रदेश में जो भी जिले नेपाल बार्डर पर हैं यानी हिमालयन बेल्ट में हैं उनपर हमेशा तीव्र भूकंप का खतरा मंडराता रहता है। इसमें गोंडा, बहराइच, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, पीलीभीत, लखीमपुरखीरी में तीव्र गति के भूकंप कभी भी आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि भूकंप कहीं भी कभी भी आ सकते हैं पर इन जिलों में हमेशा सतर्क रहने और मकान मानक के अनुरूप ही बनाने चाहिए।

वाराणसी में क्या आएगी भूकंप से तबाही ?
वहीं वाराणसी पर पूछे गए सवाल एक जवाब में उन्होंने कहा कि इंडिया को चार सेस्मिक जोन में बांटा गया है, जिसमें जहां सबसे कम संभावना होती है भूकंप की उसे हमें सेस्मिक जोन 2 में रखते हैं और सबसे ज्यादा संभावना होती है वहां हम सेस्मिक जोन 5 में रखते हैं। वाराणसी से लेकर प्रयागराज तक की हम बात करें तो यह सेस्मिक जोन-3 में आता है। यहां ऐसा नहीं है कि भूकंप नहीं आ सकता है पर यहां भूकम्प आने की संभावना कम होती है। यहां मॉडरेट भूकंप साईट है। यहां हैवी अलर्ट एक्टिव नहीं होता इसलिए यहां सेस्मिक जोन-3 माना गया है।



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