कोविड से जुड़ी सभी वैक्सीन से है खतरा... लोग बेवजह परेशान ना हो - डॉ गोपाल कृष्ण राय

कोविशिल्ड वैक्सीन को लेकर मची अफरा तफरी के बीच जनपद मऊ के प्रसिद्ध कार्डियोलाजिस्ट गोपाल कृष्ण राय ने एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता करते हुए कहा की आमजनमानस को किविशिल्ड वैक्सीन को लेकर असहज होने की जरूरत नहीं है रिस्क की अगर कोई संभावना है तो वह कोविड से जुड़ी सभी वैक्सीन में है चाहे वह किसी भी देश की किसी भी कंपनी की वैक्सीन है, नुकसान किस कंपनी की बैसिन से अधिक है यह दावे से कोई नहीं कह सकता है। खून में थक्के जमने की जो शिकायत थी उसकी एक समय सीमा है जो लगभग तीस से चालीस दिन है। ऐसा कोई भी दावे के साथ नहीं कर सकता है कि उसके शरीर में होने वाले नुकसान का कारण कोविशील्ड की वैक्सीन ही है।

एक्स्ट्रा जेनेका द्वारा लंदन कोर्ट में दिए हलफनामे के बाद से भारत में कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर जबरदस्त गुस्सा देखा जा रहा है इस बीच भारतीय जनता पार्टी के नेता डॉक्टरों से मिलकर कोविशील्ड को लेकर भ्रांतियों को दूर करने का अभियान चलाये हए है

वैक्सीन से पहले भी युवाओं के हार्ट अटैक के केश देखे गए हैं। ब्लॉकेज होने की प्रक्रिया अचानक नही होती है इसमें वर्षों लगते है। इसका मतलब कोवीड वैक्सीन से ये ब्लॉक नहीं बने हैं। ब्लॉक हुई धमनी पर हार्ट अटैक कई कारणों से होता है।कोई भी वायरस इन्फेक्शन जैसे से आम फ़्लू हार्ट अटैक और क्लोटिंग की रिस्क बढ़ा देता है।

किसी भी वायरल निमोनिआ के बाद पहले से ब्लॉक्ड धमनी में ब्लड क्लोट होके हार्ट अटैक की रिस्क बढ़ जाती है। कोविड एक वायरस है और वैक्सीन निष्क्रिय वायरस का हिस्सा है। जिन भी युवाओं में हार्ट के केश आ रहे है ज्यादातर में हार्ट के पुराने ब्लॉक मौजूद होते है।

वैक्सीन की सेकंड डोज से रिस्क कम हो जाता है। हर वैक्सीन के कुछ ना कुछ थोड़े बहुत साइड इफेक्ट होते हैं। शुरू में कोविशील्ड की उपलब्धता अधिक होने के कारण अधिक से अधिक लोगों को कोविशील्ड लगा। डा0 गोपालकृष्ण राय ने कहा की कोविड वैक्सीन को लेकर भ्रांतियां लोगों के मन में घर कर रही थी अतः मुझे लगा की इसपर सही चीजे लोगो तक पहुंचाने की जरूरत है। किसी भी महामारी का ईलाज या तो हर्ड इम्युनिटि है या तो वैक्सीन लगवाना ! जागरूकता ही बचाव है।



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