Ballia Story: कांग्रेस ने आरक्षण की फाइल गायब कराई -संजय निषाद

बलिया पहुंचे निषाद पार्टी के सुप्रीमो और यूपी सरकार के मंत्री संजय निषाद ने NDA में फूट के सवाल पर कहा कि पिछली बार हम 15 सीटों पर चुनाव लड़े थे जिसमें 10 पर अपने सिंबल पर चुनाव जीते थे.. इस बार हम चाहते हैं कि हमारे पार्टी और समाज का ज्यादा प्रतिनिधित्व हो...
1931 के पब्लिक एक्ट में वॉशरमैन, फिशर मैन को एक साथ अनुसूचित जाति में रखा गया था, लेकिन गृह मंत्रालय से वह फाइल गायब कर कांग्रेस क्या करना चाहती है आप समझ सकते हैं ,इसलिए मैंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सबूत के साथ फाइल सौंप दिया है अब इस मामले में जो होगा वह आगे न्यायालय फैसला करेगा ।

-"मेरी माटी मेरा देश" कार्यक्रम में शिरकत करने पहुँचे और आयोजित संवैधानिक मछुआ एससी आरक्षण जनसंपर्क अभियान सभा मे कहा कि पूर्व की समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की सरकार ने मछुआ आरक्षण के मामले पर मछुआ समाज को गुमराह करने का काम किया है, उत्तर प्रदेश में जब बहुजन समाज पार्टी की सरकार आती है तो मछुआ समाज की सभी उपजातियों को एससी से निकालकर पिछड़ी में डाल दिया जाता है और जब समाजवादी पार्टी की सरकार आती है तो पिछड़ी से निकालकर अनुसूचित में डाल दिया जाता है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड राज्य की तर्ज पर शिल्पकार जाती नहीं जातियों का समूह है का सरकार द्वारा नोटिफिकेशन उत्तर प्रदेश राज्य में भी मझवार जाति नहीं जातियों का समूह है नोटिफिकेशन जारी किया जाना था किंतु पूर्व की समाजवादी पार्टी की सरकार ने मछुआ समाज की सभी उपजातियां को पिछड़ी जाति में बताकर  अनुसूचित में डालने का काम किया, जिससे आरक्षण का मुद्दा और उलझ गया है।

2- संजय निषाद ने बताया कि आजादी से पूर्व और आजादी के बाद भी साल 193, 1941, 1951, 1961, 1971, 1981 और 1991 तक उत्तर प्रदेश राज्य में मछुआ समाज की सभी उपजातियां की गिनती मझवार और तुरैहा में कराई जाती रही है, किंतु पूर्व की सरकारों ने मछुआ समाज के दोहन के लिए बिना संसद में संशोधन के बिना छुआ समाज की सभी उपजातियो को अनुसूचित से निकलकर पिछड़े में डाल दिया और पूर्व की सरकारों द्वारा इस मुद्दे पर केवल वोट बैंक को राजनीति की गई है। संजय निषाद ने बताया कि राज्य सरकार और माननीय मुख्यमंत्री जी ने RGI  "रजिस्ट्रार जनरल ऑफ़ इंडिया" को मछुआ आरक्षण के संबंध में पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई थी, RGI  ने पत्र के उत्तर में कहा है कि उत्तर प्रदेश राज्य में केवट, मल्लाह, बिंद समेत 17 जातियां मछुआ समाज की उपजातियां है।संजय निषाद ने कहा की मछुआ समाज को कभी मत्स्य विभाग की योजनाओं का लाभ नही मिला है, पूर्व की सरकारों ने मछुआ समाज को योजनाओ से वंचित रखा गया है। प्रदेश में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड(मत्स्य पालन क्षेत्र में), निषाद राज बोट योजना, मछुआ कल्याण कोष, प्रधानमंत्री मछुआ बीमा योजना जैसी जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। जिससे मछुआ समाज को सीधे तौर पर लाभ मिल रहा है। By Line- Anamika Pal Ballia



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