मुख्तार अंसारी को नहीं मिला पारिवारिक पृष्ठभूमि का लाभ

गैंगस्टर कोर्ट द्वारा बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) और उसके सहयोगी भीम सिंह को सजा सुनाई गई है. इस दौरान कोर्ट में लंबी बहस हुई और कई दलीलें दी गई. बता दें कि कोर्ट का फैसला 26 साल बाद आया है. इसी बीच जानकारी मिल रही है कि मुख्तार अंसारी के वकीलों ने मुख्तार के पारिवारिक पृषभूमि का भी जिक्र किया था, जिससे मुख्तार को कोर्ट से राहत मिल सके. मगर कोर्ट ने सभी दलीलों को दरकिनार कर दिया.

मिली जानकारी के मुताबिक, मुख्तार अंसारी के वकीलों ने मुख्तार की पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में कोर्ट को बताया और लाभ लेने की कोशिश की. अब बताया जा रहा है कि फैसले में कोर्ट द्वारा इन सभी बातों का उल्लेख किया गया है.

मुख्तार अंसारी की सजा पर ADGC क्रिमिनल नीरज श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि, “मुख्तार अंसारी की पारिवारिक पृष्ठभूमि में नौशेरा के शेर नाम से जाने जाने वाले ब्रिगेडियर उस्मान का नाम आता है. मुख्तार के बाबा भी स्वतंत्रता संग्राम सैनानी रहे है. वह राष्ट्रीय कांग्रेस के बड़े नेताओं में से एक थे.”

कोर्ट ने ये कहा

ADGC क्रिमिनल नीरज श्रीवास्तव ने आगे बताया कि, कोर्ट ने मुख्तार की पारिवारिक पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए कहा कि आम तौर पर लोग अपराध की दुनिया में आर्थिक मजबूरी या किसी अन्य मजबूरी के नाम पर प्रवेश करते हैं. मगर इतनी अच्छी समृद्ध विरासत के बाद भी अपराध की दुनिया में प्रवेश किया गया, इसलिए इस पारिवारिक पृष्ठभूमि का कोई लाभ नहीं दिया जाएगा.

10 साल की हुई सजा

Mukhtar Ansari Arrested: बता दें कि पूर्व विधायक और बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को कोर्ट ने 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही उनपर 5 साल का जुर्माना लगाया गया है. इसी के साथ मुख्तार अंसारी के सहयोगी भीम सिंह को भी कोर्ट ने दोषी मानते हुए 10 साल का सश्रम कारावास और 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.



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