राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने किया जिला कारागार का निरीक्षण

माननीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली, उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा माननीय जनपद न्यायाधीश, मऊ श्री रामेश्वर महोदय के मार्गदर्शन में आज दिनांक 18.10.2022 को जिला कारागार, मऊ में माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार सिद्धदोष कैदियों की समय पूर्व रिहाई हेतु विशेष जागरुकता शिविर का आयोजन विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कुॅवर मित्रेश सिंह कुशवाहा की अध्यक्षता में किया गया।

विशेष जागरुकता शिविर में सिद्धदोष बन्दियों की समय पूर्व रिहाई के सम्बंध में मानक संचालन प्रक्रिया लागू करने के सम्बंध में माननीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली, द्वारा दिये गये निर्देश का अनुपालन करने हेतु बताया गया। जेल अधीक्षक को निर्देश दिया गया कि सिद्धदोष बन्दियों की समय पूर्व रिहाई के संबंध में ऐसे बंदियों की सूची तैयार कराकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को प्रेषित की जाए । यह भी निर्देश दिया गया कि समय पूर्व रिहाई हेतु पात्र कोई भी बंदी शेष न बचें, जिससे उनके मामलों में विधिक कार्यवाही हेतु सम्बंधित न्यायालय को अवगत कराया जा सके । सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रशीदुल जफर उर्फ छोटा बनाम उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य में पारित दिशा निर्देशों के क्रियान्वयन हेतु सिद्धदोष बन्दियों की समय पूर्व रिहाई हेतु मानक संचालन प्रक्रिया के प्रावधानों के संबंध में बंदियों के मध्य जागरुकता नहीं है और बंदियों को उक्त प्रावधानों तथा अपनी पात्रता के विषय में ज्ञान नहीं है। अतः इस संबंध में क्रमबद्ध तरीके से अभियान चलाकर जिला कारागार में समय पूर्व रिहाई के प्रावधानों का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किये जाने हेतु अधीक्षक, जिला कारागार को निर्देश दिया गया। जागरुकता अभियान के सम्बंध में कैदियों को यह जानकारी दी गयी कि जो भी आजीवन कारावास सिद्धदोष बन्दी है, अगर वे अपना आचरण व व्यवहार अच्छा रखते हैं तो उन्हें 14 वर्षीय आयु के पश्चात् उनके पूर्व रिहाई हेतु प्रार्थना पत्र फार्म-ए के माध्यम से शासन को भेजा जायेगा। पूर्व में स्थाई नीति के अन्तर्गत 60 साल की सीमा को समाप्त किया जा चुका है और अब कोई भी बंदी समय पूर्व रिहाई हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं। यह छूट तभी प्रदान की जाती है, जब कैदी का आचरण एवं व्यवहार अच्छा पाया जाता है ।

सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि आजीवन कारावास के सिद्धदोष कैदियों का समय पूर्व रिहाई हेतु प्रार्थना पत्र प्रोवेशन, नामिनल रोल तथा दया याचिका के अन्तर्गत हो तो उनका प्रार्थना पत्र जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को भेजा जाता हैं । समय पूर्व रिहाई के सम्बंध में स्थाई नीति 2018 को 28 जुलाई 2021 व 25 मई 2022 के अन्तर्गत संशोधित किया जा चुका है, जिसके अन्तर्गत अब कैदियों को प्रार्थना पत्र देने की आवश्यकता नहीं होगी। कैदी के प्रकरण को जेल अधिकारियों द्वारा स्वयं संज्ञान में लेकर कार्यवाही प्रारम्भ कर दी जायेगी। सचिव द्वारा बताया गया कि सीमित अवधि की सजा से दण्डित बंदियों की शासन द्वारा निर्धारित उम्र कम से कम सजा व्यतीत करने के उपरान्त समय समय पर शासन द्वारा जारी आदेशानुसार रिहाई किये जाने की व्यवस्था है, जिसमें निर्धारित दिवस गणतंत्र दिवस, महिला दिवस, विश्व स्वास्थ्य दिवस, मजदूर दिवस, विश्व योग दिवस, स्वतंत्रता दिवस, गांधी जयंती, अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस एवं अन्र्तराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस पर रिहाई किये जाने की व्यवस्था है। सचिव द्वारा जेल अधीक्षक को यह भी निर्देश दिया गया कि ऐसे समस्त आजीवन कारावास से दण्डित बंदी,जिनकी आयु 70 वर्ष से अधिक है अथवा गंभीर बीमारी से ग्रस्त हंै,उनकी समय पूर्व रिहाई हेतु प्रस्तुत प्रार्थना पत्रों को 02 माह के अन्दर निस्तारित करने हेतु विधिक सेवा प्राधिकरण को प्रेषित किया जाय। उक्त जागरुकता शिविर में श्री भानु प्रताप सिंह, अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0)/ प्रभारी अधीक्षक, जिला कारागार, मऊ, श्री समर बहादुर सरोज, जिला प्रोबेशन अधिकारी,मऊ, जेल विजिटर श्री श्यामसुन्दर सिंह, श्रीमती रश्मि अग्रवाल एवं सुश्री किरन यादव तथा पराविधिक स्वयं सेवकगण एवं जिला कारागार के अन्य स्टाफ उपस्थित रहे। (कुॅवर मित्रेश सिंह कुशवाहा) सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मऊ।



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