निजीकरण एवं किसानों के मांग को लेकर किसान संघ ने दिया जिलाधिकारी को ज्ञापन

11, जून मऊ बिजली का निजीकरण जनता के साथ धोखा, कृषि क्षेत्र में मौजूदा गहराते संकट के लिए मोदी योगी सरकार की नीतियां जिम्मेदार,बिजली का निजीकरण, स्मार्ट प्रीपेड मीटर,बिजली के प्रस्तावित मूल्य वृद्धि, एमएसपी की गारंटी भूमि की लूट रोकने, कृषि बाजार नीति की वापसी आदि मांगों पर किसान सभा ने मऊ कचहरी में प्रदर्शन कर राज्यपाल उत्तर प्रदेश को संबोधित मांग पत्र नगर मजिस्ट्रेट को दिया.
प्रदर्शन में सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि बिजली हमारी बुनियादी जरूरत बन गई है. उजाले, पानी नलकूप, खेती, उद्योग,बुनकारी,मोबाइल, इंटरनेट सुविधा सब कुछ बिजली पर निर्भर हैं. भाजपा सरकार की बिजली नीतियां उपभोक्ताओं पर लोड बढ़ा रही हैं और उनके जीवन को मुश्किल कर रही हैं. स्मार्ट मीटर के नाम पर जनता का तरह-तरह से शोषण किया जा रहा है. सरकार ने 300 यूनिट घरेलू तथा सिंचाई हेतु फ्री बिजली देने के चुनावी वादे से मुकर रही है जिससे खेती किसानी प्रभावित हो रही है. सरकार बिजली सहित तमाम सार्वजनिक क्षेत्र का अंधाधुंध निजीकरण कर बड़े पूजीपतियों को लूट के लिए रास्ता खोल रही है. दूसरी तरफ महंगाई दिन दुगना रात चौगुन बढ़ती जा रही है. मनमाना भूमि अधिग्रहण मंडियों का निजीकरण, ठेका खेती, सहकारिता का निगमीकरण, अमेरिका के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफडीए) फ्री ट्रेड एग्रीमेंट कर देश की बाजार को प्रवाह किया जा रहा है. इसके खिलाफ संघर्ष तेज करने की जरूरत है. वक्ताओं ने बिजली का निजीकरण, स्मार्ट मीटर लगाने का फैसला वापस लेने, कृषि बाजार को विपणन नीति वापस लेने, एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने,मनमाना भूमि अधिग्रहण वापस लेने, किसानों का संपूर्ण कर्ज माफ करने की मांग किया. इस अवसर पर प्रमुख रूप से किसान सभा के जिला मंत्री कैलाश चौहान, वीरेंद्र कुमार,दीनानाथ मौर्य,सुदर्शन राम दारा सिंह,कैसर अली, रामसूरत प्रजापति,शेषनाथ, प्रधान प्रसाद परशुराम, मोहम्मद हसन,सोहन पाल,उमेश मौर्य दीनदयाल शेषनाथ मीरा देवी आदि उपस्थित रहे. *उ प्र किसान सभा के लिए वीरेंद्र कुमार द्वारा जारी*