मऊ जनपद में लूटेरा बना खाद्य एवं रसद विभाग, जांच का डर दिखा की जा रही वसूली

मऊ/उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद में भ्रष्टाचार की एक ऐसी गाथा लिखी जा रही है जिसकी कालिख से सूबे की भाजपा सरकार की साख भी मटियामेट होती दिख रही है। अब मऊ जनपद के गरीब मजलूमों ने भ्रष्टाचार को ही अपना मुकद्दर समझ लिया है, तथा अपने निवालों की चोरी करने वालों की दबंगई और रसूख के आगे घुटने टेक दिए हैं। आपको बता दें मऊ जनपद में पिछले कुछ समय से एक भ्रष्ट जिलापूर्ति अधिकारी नरेंद्र तिवारी और उसके खाद्यान्न माफिया के सिंडिकेट ने अपने रसूख के बल पर जिले को पूरी तरह से हाईजैक कर रखा है, क्या आम इंसान क्या कोटेदार हर कोई इस भ्रष्ट जिलापूर्ति अधिकारी की अवैध वसूली और राशन चोरी से परेशान हैं। इसी क्रम में हमारे विश्वसनीय सूत्रों को एक कोटेदार ने नाम ना बताने की शर्त पर यह बताया कि पहले वह अपना कोटा नियमानुसार संचालित कर रहा था, लेकिन भ्रष्ट जिलापूर्ति अधिकारी के दलालों ने उसको प्रलोभन देकर उससे जान बूझकर अनियमितता करवाई व बाद में जिलापूर्ति अधिकारी ने बीते 6 जुलाई 2019 को, एक आदेश जारी कर 30 दूकानों की सूची निर्गत की जिसमे भ्रष्ट जिलापूर्ति अधिकारी खुद इन दुकानों में अनियमितता की बात स्वीकार कर रहा है, उसकी दुकान का नाम भी भ्रष्ट दुकानों की लिस्ट में डाल कर उस पर जाँच का आदेश दे दिया है। उसके द्वारा हमे यह बताया गया कि सूची में नाम आते ही भ्रष्ट जिलापूर्ति अधिकारी के दलालों ने उससे सम्पर्क किया और भारी रकम की मांग की जिससे उसका कोटा बचा रह जायेगा। हमारे सूत्रों ने हमे यह बताया कि निलम्बन के पश्चात वापसी पर भ्रष्ट जिलापूर्ति अधिकारी नरेंद्र तिवारी ने जिन दो अनियमितता की शिकायत वाली दुकानों (1)सहकारी बैंक मुगलपुरा,(2) विजय प्रकाश राय, मुगलपुरा की जाँच की है,जहाँ पर स्टॉक में कमी व फ़र्ज़ी राशनकार्ड की बातें भी प्रकाश में आयीं हैं उनके नाम भी इस सूची में हैं अतः इन दुकानों पर कार्यवाही के बाद उसके दलालों ने बाकी 28 कोटेदारों से संपर्क कर सुविधा शुल्क (वसूली) की मांग की है। भ्रष्टाचार का यह नंगा नाच मऊ जिले खुले तौर पर खेला जाता है, जनपद का बच्चा बच्चा यह जानता है इस खेल का असली कप्तान भ्रष्ट जिलापूर्ति अधिकारी नरेंद्र तिवारी है, लेकिन फिर भी जिले के भाजपा नेता और जिलाप्रशासन इस भ्रष्टाचारी के आगे मौन है।



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