योगी मोदी चित्त राज कर रहे चोर

मऊ राशन घोटाले के प्रमुख आरोपी जिलापूर्ति अधिकारी नरेंद्र तिवारी का उत्तरप्रदेश शासन के मुँह पर करारा तमाचा, न्यायालय से निलम्बन के रोक के बाद मऊ जिले में की वापसी व पुनः भ्रष्टाचार में लिप्त

मऊ/ उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार और उत्तर प्रदेश शासन अपने ही नौकरशाहों के द्वारा अपनी फजीहत करवा रहा है। प्रदेश में एक तरफ जहाँ मुख्यमंत्री योगी अपने शासन और प्रशासन की बड़ाई करते नहीं थक रहे वहीं दूसरी तरफ मऊ जनपद का एक भ्रष्ट जिलापूर्ति अधिकारी नरेंद्र तिवारी मुख्यमंत्री योगी के अरमानों की अर्थी फूँकने में लगा है। आपको ज्ञात होगा कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद में वर्षों से चले आ रहे खाद्यान्न घोटाले में आयुक्त खाद्य एवं रसद लखनऊ द्वारा दो प्रमुख आरोपी भ्रष्ट जिलापूर्ति अधिकारी नरेंद्र तिवारी व उसके शागिर्द पूर्तिनिरिक्षक शैलेंद्र सागर सिंह को आधार ऑथेंटिकेशन और कई अनियमितताओं में दोषी पाकर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। उसके बाद यह भ्रष्ट जिलापूर्ति अधिकारी न्यायलय से उत्तरप्रदेश शासन के मंशा के विरुद्ध स्टे लाने में कामयाब रहा अतः पुनः विभाग ने उसको दूसरे जनपद से संलग्न कर बहाल कर दिया व न्यायालय ने कहीं भी यह नहीं कहा कि बहाली मऊ जनपद में हो, लेकिन अपने बाहुबल व रसूख के बल पर उसने फिर से मऊ जनपद में वापसी कर अपने खाद्यान्न माफिया सिंडिकेट को पुनः जीवित कर दिया है। हमारे सूत्रों ने हमे यह बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर सहकारी बैंक मुगलपुरा व विजय प्रकाश राय, मुगलपुरा नामक दो दुकानों पर अनियमितताओं के शिकायत की जांच भ्रष्ट जिलापूर्ति अधिकारी से ही करवाई गई है जहाँ पर खाद्यान्न के स्टॉक में भारी कमी व बिहार, झारखंड के आधार से संलग्न राशनकार्ड की बरामदगी होने के बावजूद भी भ्रष्ट जिलापूर्ति अधिकारी द्वारा इन दुकानों पर नज़र इनायत करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। हमारे सूत्रों ने हमे यह बताया कि जिले से निलंबित होने के बाद भी भ्रष्ट जिलापूर्ति अधिकारी द्वारा मऊ जनपद में आना कोई संयोग नहीं है आज भी इस भ्रष्ट अधिकारी द्वारा पूरे नगरपालिका में 50000 से अधिक फर्जी यूनिट पर राशन की कालाबाज़ारी की जा रही है। सबसे हैरानी की बात तो यह है कि आखिर उत्तर प्रदेश शासन किन वजहों से ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा अपनी फजीहत करवाने में लगा है।



अन्य समाचार
फेसबुक पेज