होमियोपैथ मे है चमकी बुखार का इलाज -डा अरुण

मऊ-चमकी बुखार मष्तिक में सूजन के कारण होता है। यह बैक्टीरिया या वायरस के कारण होता है। कभी कभी यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण भी हो सकता है।इसमें तेज बुखार,बडबडाहत, सुस्ती, कमजोरी एवं शरीर पर कभी कभी चमकने जैसा होने लगता है।इस बिमारी को होम्योपैथिक दवा से ठीक किया जा सकता है । यह कहना है मरदह के प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डा अरुण कुमार सिंह का। डा सिंह ने कहा कि यदि किसी सुयोग्य होमियोपैथिक चिकित्सक से चमकी बुखार का इलाज कराया जाता है तो यह रोग आसानी से ठीक किया जा सकता है। डा सिंह ने कहा कि होमियोपैथ की जेलसीमियम 200 को सुबह शाम चार दिन तक देने से रोग को जड से खत्म किया जा सकता है। सुस्ती कमजोरी बडबडाना प्यास कम लगना आदि लक्षण हो तो जेलसीमियम 30 को आधे घण्टे के अन्तर पर खिलाकर रोग को ठीक किया जा सकता है। अचानक बुखार बढता हो, घटता हो, बुखार बहुत तेज हो, तमतमाया हुआ चेहरा हो,पूरा शरीर आग के समान गर्म हो तो बेलाडोना 30 को 2-2 घण्टे के अन्तर पर देने से रोग को ठीक किया जा सकता है । बुखार के साथ शरीर पर चमकी बेचैनी प्यास लगने पर एबोनाइट 30 को देने से आराम मिलता हैं ।



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