जानलेवा मौसमी और चुनावी गर्मी से पशु पक्षियों एवं जीव जंतुओं के जीवन संकट पर विशेष


सम्पादकीय - भोलानाथ मिश्र
वरिष्ठ पत्रकार/समाजसेवी

साथियों,
कहते हैं कि मौसमों में गर्मी का मौसम बड़ा बेदर्द, बेमुरव्वत और जानलेवा होता है जिसमें पानी अमृत की तरह लोगों की जान बचाने वाला होता है। गर्मी के मौसम में पानी ना मिलने पर जान जा सकती है, चाहे आदमी हो, चाहे जीव जंतु या पशु-पक्षी हो। इतना ही नहीं जरा सी चूक होने पर पानी के अभाव में, पानी की कमी से होने वाली तरह-तरह की बीमारियां फैल जाती है और लोगों को पानी की कमी को पूरा करने के लिए अस्पतालों में ग्लूकोस के रूप में पानी की पूर्ति करनी पड़ती है। शायद इसीलिए कहा भी गया है कि रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून।

गर्मी का एक ऐसा मौसम होता है जिस में चतुर्दिक पानी का अभाव ही नहीं बल्कि पानी का अकाल पड़ जाता है और प्यास बुझाने के लाले पड़ जाते हैं। गर्मी का मौसम आते ही कुएँ, तालाब यहाँ तक कि छोटी नदियां, नइंया, नाले, झीलें सब सूख जाती हैं और हैंडपंपों नलकूपों में पानी आना कम या बंद हो जाता है और चारों तरफ पानी के लिए हाहाकार मच जाती है।

एक समय वह भी था जब लोग राहगीरों के लिये जगह जगह प्यास बुझाने के लिए प्याऊ खोलकर लोगों की प्यास बुझाकर पुण्य कमाते थे। इतना ही नहीं पहले तालाबों, नदियों, पोखरों झीलों में साल के बारहों महीने पानी उपलब्ध रहता था लेकिन आज स्थिति यह हो गई है कि गर्मी आते ही हर जगह पानी का अकाल पड़ जाता है। गर्मी से जनजीवन ही अस्त-व्यस्त नहीं हो जाता है बल्कि जान बचाने के भी लाले पड़ जाते हैं।

गर्मी के मौसम में सबसे ज्यादा दिक्कत पशु पक्षियों एवं जीव-जंतुओं को होती है क्योंकि उनके सामने प्यास बुझाने का कोई दूसरा विकल्प नहीं होता है। यही कारण है कि हमारे यहां लोग गर्मियों में जंगली जानवरों एवं पशु पक्षियों की जान बचाने के लिए घरों गांवों के आसपास पानी की व्यवस्था करते थे ताकि उनकी जान पानी के अभाव में न जाने पाये। इतना ही नहीं इधर बरसात कम होने के कारण पिछले काफी दिनों से गर्मी के मौसम में पशु, पक्षियों एवं जीव जंतु की प्यास बुझाने के लिए सरकार द्वारा तालाबों में पानी भरवाया जाता है लेकिन इस बार गर्मी के मौसम में लोकसभा चुनाव होने के नाते तालाबों में पानी नहीं भराया जा सका है। जिसकी वजह से इस बार की गर्मी पशु पक्षियों जीव जंतुओं के लिये काफी दुखदायी साबित हो रही हैं और पशु पक्षियों एवं जीव जंतुओं को जान बचाने के लाले पड़े हुए हैं। चुनावी गर्मी के साथ मौसमी गर्मी के चलते पारा सातवें आसमान पर चला गया है और दोनों गर्मियों ने लोगों को बेहाल कर रखा है। हम सभी लोगों से अपील करते हैं कि इस भीषण गर्मी में आवारा पशुओं, जंगली जानवरों, पक्षियों एवं जीव जंतुओं की प्यास बुझाने के लिए घरों के अंदर और बाहर पानी की व्यवस्था कर पुण्य के भागीदार बनें।

धन्यवाद।। भूलचूक गलती माफ।।



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