सचिव ने डीजीपी को लिखा पत्र, यूपी बोर्ड परीक्षा में पास कराने के नाम पर धनउगाही


सम्पादकीय - जगदीश सिंह

तुमको किसी की जिन्दगी से वास्ता भी क्या। यादों का एक चिराग जलाते रहेंगे हम।।
लिखने से ही वास्तविकता खुल जाती है जरूर। भ्रष्टाचारियों का राज बताते रहेंगे हम।।


भ्रष्टाचार की जङें शिक्षा विभाग में कितनी गहरी हैं, इसका अन्दाजा लगाना आसान नहीं है। शिक्षकों की नियुक्ति में लगातार भ्रष्टाचार उजागर हो रहा है। फर्जी कागजातों पर नौकरी करने वालों के रैकेट का भंङाफोङ हो रहा है। दो दशक से नौकरी करने वालों की नौकरी से छुट्टी हो रही है। सरकार से तनख्वाह के नाम पर लाखों लाख वसूली करने वालों पर मुकदमे हो रहे हैं, रीकवरी हो रही है। लेकिन तब भी कदम कदम पर भ्रष्टाचारी व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं। अभी तक उत्तर प्रदेश के आधा दर्जन जिलों में फर्जी प्राथमिक स्तर के अध्यापकों पर गाज गिर चुकी है। वहीं समाज कल्याण विभाग में हुए जबरदस्त भ्रष्टाचार की जाँच चल रही है। कभी भी बङा खुलाशा हो सकता है।

ये तो शिक्षा विभाग मे कुंङली मार कर बैठे दलालों के वर्चस्व का नमूना है। वर्तमान समय में जब माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षा का रिजल्ट आने वाला है, फर्जी वादे किये जाने की चर्चा जोरों पर है। दलालों का रैकेट सक्रिय है, बोर्ङ के कार्यालयों में बाबुओं की मिलीभगत से हो रही है, बेखौफ बेअंन्दाज मनमानी खेल। यह हम हवा हवाई आसमानी लेख नहीं लिख रहे हैं बल्कि सचिव शिक्षा परिषद नीना श्रीवास्तव के बयान पर आधारित है। उन्हीं के द्वारा मामले का खुलासा किया गया है। यह पहली बार हुआ है कि शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार का विभागीय स्तर पर खुलासा और विरोध हो रहा है। वर्ना ये दलाल तो वर्षों से भ्रष्टाचार की दूकान चला रहे थे।

शिक्षा सचिव नीना श्रीवास्तव ने यू•पी• बोर्ङ में परीक्षा पास कराने के नाम पर बङे फर्जीवाङे की आशंका जाहिर की गई है। उन्होंने ङी•जी•पी• समेत शासन को पत्र भेजकर छात्र छात्राओं को फोन करके अधूरा रिजल्ट पूरा कराने के नाम पर पैसा माँगने के सम्बंध में शिकायत की है। पैसा ना देने पर अनुत्तीर्ण कर दिये जाने की धमकी दी जा रही है इस बात का भी उल्लेख पत्र में किया है।

सचीव नीना श्रीवास्तव ने फर्जीवाङा करने वालों के 12 मोबाईल नम्बर भी ङी•जी•पी• को दिये हैं। जिन नम्बरों से काल आ रही है उनमें से अधिकतर नम्बर बिहार के बताये जा रहे हैं। पैसा जमा करने के लिये जो सेवींग अकाउंट्स नम्बर दिये जा रहे हैं, वे नम्बर महाराष्ट्र के हैं। खबर के मुताबिक फर्जीवाङे के तार बिहार, दक्षिण भारत से जुङे होने की आशंका है।

इस वर्ष यू•पी• बोर्ङ के परीक्षा मे कुल 58 लाख परीक्षार्थियों ने परीक्षा दिया है। हर साल यह खेल होता है लेकिन इस साल शासन प्रशासन की चौकसी के चलते मामले का खुलासा हो रहा है। अब सवाल अब यह उठता है कि क्या ये दलाल, शिक्षा विभाग में वर्षो से खेल कर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाङ करते रहे हैं? क्या इस वर्ष भी इनके चलते रिजल्ट प्रभावित हुआ है?

अब महज चन्द दिन ही रह गये हैं तब इस मामले का खुलासा हुआ है। ऐसे मे यह सवाल पैदा होता है कि अब तक तो कितने के भविष्य के साथ ये दलाल खिलवाङ कर चुके होंगे? तो फिर उनका क्या होगा जो भविष्य के ताने बाने बुन रहे थे और उनका रिजल्ट खराब हो गया। बहरहाल ये ऐसा अनुत्तरित प्रश्न है जो वर्षो से इस विभाग की अहम इबारत बन गया है। जो हर साल भ्रष्टाचार की किताब में एक पन्ना जोङता है। वास्तविकता से पर्दा उठना आसान नही है? फिर भी बात वही है मन्जिल मिले न मिले कोई गम नहीं मन्जिल के जुस्तजू में मेरा कारवाँ तो है। कल तक पर्दा मे रहने वाले आज झलक रहे है कल उनके काले कारनामों को भी जग जानेगा? लेकिन जिनका भविष्य खराब हो चुका है जिनके पैसे लुट चुके हैं उनका क्या होगा? ये यक्ष प्रश्न हर तरफ कौंध रहा है।

जयहिन्द



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