मऊ के सरफराज़ को एवार्ड आफ एक्सीलेंस से किया गया सम्मानित

(सईदुज़्ज़फर की रिपोट)

मऊ / मऊ में शिक्षा का स्तर तेज़ी के साथ बढ़ा है मऊ के छात्रों के साथ साथ उनके गुरूजन भी सिर्फ मऊ में ही नहीं मऊ के बाहर भी अपनी एक अलग पहचान बनाये हुए हैं और ये प्रमाणित करते हैं कि मऊ में प्रतिभा की कमी नहीं, अगर इन्हें संसाधन मिले तो यह आसमान की बुलंदियों तक पहुंचने का हौसला रखते हैं आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मऊ निवासी व इलाहाबाद विश्वविद्यालय में वाणिज्य संकाय के प्रोफेसर डाक्टर सरफराज़ अहमद को इलाहाबाद विश्वविद्यालय में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए "एवार्ड आफ एक्सीलेंस" से सम्मानित किया गया ज्ञात हो कि प्रोफ़ेसर सरफराज़ अहमद मऊ के मुहल्ला बुलाकी पुरा निवासी मास्टर ज़फर अहमद के पुत्र हैं और ये 1975 से इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अपनी सेवाएं दे रहे हैं 2008 से 2010 तक ये इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष भी रह चुके हैं इसके अतिरिक्त 2009 से 2012 तक वाणिज्य संकाय के संकायध्यक्ष भी रहे हैं वर्तमान समय में यह विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं इन्हें अब तक चानसलर मेडल के साथ-साथ नौ गोल्ड मेडल मिल चुके हैं आपको बता दें कि प्रोफ़ेसर सरफराज़ अहमद ने 1969 में मुस्लिम इण्टर कालेज से हाईस्कूल व 1971 में डीएवी इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट करने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया था और यहीं पर इन्होंने बीकॉम और एम.काम टाप किया कुछ समय तक आपने आई आई एम अहमदाबाद से भी पढ़ाई की 1973 में मऊ ने इन्हें "पैकर-ए-दानिश" अवार्ड से भी सम्मानित किया था छात्रों के बीच अपने मजाकिया अंदाज और ज्ञान का समंदर लिए प्रोफ़ेसर सरफराज़ अहमद को किसी जादूगर से कम नहीं मानते जो अपने छात्रों पर ऐसा ज्ञान का जादू चलाते हैं कि सब कोई इनका दिवाना हो जाता है एवार्ड पाने के बाद इन्होंने अपने संक्षिप्त भाषण में अपने एवार्ड को छात्रों के नाम समर्पित कर एक बार फिर इन्होंने गुरु और छात्र सम्बन्ध परम्परा की अनुठी मिसाल पेश कर मऊ का नाम बुलंदियों पर पहुंचाया प्रोफ़ेसर सरफराज़ अहमद के बुलंदियों पर पहुंचने और मऊ का नाम रौशन करने पर आज पूरा जनपद अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा है _



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