अपनी बात:- सफलता पर गर्व

प्रदीप पाण्डेय

जब हम सफल होते हैं तब हम अपने आप पर बहुत गर्व होता है और यह स्वाभाविक भी है। गर्व करने से हमे स्वाभिमानी होने का एहसास होता है लेकिन एक सीमा के बाद ये अहंकार का रूप ले लेता है और हम स्वाभिमानी से अभिमानी बन जाते हैं और अभिमानी बनते ही हम दुसरों के सामने दिखावा करने लगते हैं । अतः हमें ध्यान रखना चाहिए कि हम चाहे कितने भी सफल क्यों ना हो जाएं व्यर्थ के अहंकार और झूठे दिखावे में ना पड़ें अन्यथा हमें कभी न कभी शर्मिंदा होना पड़ सकता है।



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