सादा लिफाफा भेजना पड़ा कालेज प्रशासन को भारी


सुशील कुमार पाण्डेय

खबर का असर - जनता पी• जी• कालेज रानीपुर में अवैध नियुक्ति का मामला तूल पकड़ता जा रहा है

कोपागंज (मऊ) स्थानीय क्षेत्र के दो अभ्यर्थियों ने 26 अक्टूबर सन 2018 को राज्यपाल व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र भेजकर रानीपुर के जनता पी•जी• कालेज में स्व वित्तपोषित योजनान्तर्गत नियुक्ति में की गयी अनियमितता के सम्बंध में न्याय की गुहार लगाई थी।
अंततः शासन ने उक्त पत्र पर गम्भीरता से संज्ञान लेकर पूर्वांचल विश्वविद्यालय को जांच का आदेश देकर अविलम्भ रिपोर्ट मंगवाया है । विश्वविद्यालय को शासन का पत्र मिलते ही विश्वविद्यालय प्रशासन हरकत में आया व जनता पी• जी• कालेज रानीपुर को पत्र भेज कर स्थिति से अवगत कराने का पत्र जारी कर दिया। जिससे जनता पी जी कालेज प्रबन्धन में हड़कम्प मचा हुआ है।
इस खबर को जनपद के सभी समाचार पत्रों ने प्रमुखता सेअपने समाचर पत्रों में स्थान दिया था । जिसका असर यह हुआ कि आज उक्त प्रकरण को राजभवन व शासन-प्रशासन ने गंभीरता से संज्ञान में लिया और सभी हरकत में आ गए।
ज्ञातव्य हो कि जनता पी• जी• कालेज, रानीपुर ,मऊ में स्व- वित्त पोषित योजना अंतर्गत समाजशास्त्र विषय में प्रवक्ता हेतु 30 अगस्त सन 2018को एक विज्ञापन निकला था जिसके आलोक में क्षेत्र के दो अभ्यर्थियो डॉ अरुण कुमार मिश्र व अनिल कुमार रॉव पुत्र मुन्नीलाल ने आवेदन किया था किंतु महाविद्यालय प्रबंध तंत्र के द्वारा नियमो व कानूनों का गला घोटते हुए अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए कूट रचित तरीकों से प्रक्रिया को पूर्ण की गई बताते चले कि उक्त प्रवक्ता पद हेतु साक्षात्कार की तिथि 21 अक्टूबर को वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के सभागार में निर्धारित की गई थी किंतु साक्षात्कार से 1 दिन पूर्व 20 अक्टूबर को रजिस्टर्ड डाक से आवेदक के पास सूचना पोस्ट किया गया जिसके कारण समय से सूचना नहीं मिल सका साक्षात्कार का समय बीत जाने के 2दिन बाद 23 तारीख को आवेदक को लिफाफा प्राप्त हुआ और इतना ही नहीं महाविद्यालय द्वारा जो लिफाफा आवेदक को भेजा गया था। लिफाफा में कुछ भी नहीं था सिर्फ लिफाफा मात्र था। शक होने पर आवेदक उस शीलबन्द लिफाफे को साक्ष्य के लिए सुरक्षित रखा हुआ है। इससे सिद्ध होता है कि महाविद्यालय तंत्र अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए सारे नियमों ,कानूनों का गला घोट कर फर्जी तरीके से नियुक्त प्रक्रिया संपन्न की गई जिससे पीड़ित कॉपी आहत थे और अभ्यर्थियों ने राज्यपाल , मुख्यमंत्री,कुलपति को पत्र लिख कर मामले को संज्ञान में लेने की गुहार लगाई थी।
मुख्यमंत्री का पत्र पहुचते ही वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविधालय के कुल सचिव ने कॉलेज प्रशासन को तीन दिन के अंदर स्पस्टीकरण देने के आदेश दिया जिससे पीड़ितों को एक बार पुनः न्याय की आश जग गयी है उनके चेहरे खिल गए है।अभ्यर्थियों का कहना है कि सबकुछ ठीक ठाक रहा तो विश्वविद्यालय को उक्त कॉलेज में हुए नियुक्ति को रद्द करना पड़ सकता है, इस सम्बंध में अभ्यर्थियों ने कुलसचिव से मिलकर साक्ष्य पेश करने का समय भी मांगा है



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