बी•एस•एन•एल• कार्यालय भूजौटी में हर तरफ अव्यवस्था का नजारा


अमित त्रिपाठी

खराब नेटवर्क और अधिकारियों के ढुलमुल रवैये से ग्राहक बदल ले रहे कनेक्शन

मऊ भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना "डिजिटल इंडिया" के तहत सरकारी विभागों में जनता के कार्यों को शीघ्रता से करने के उद्देश्य से पेपरलेस सिस्टम लागू किया है जिससे पेपर का कम इस्तेमाल हो। डिजिटल माध्यम से कार्य जल्दी होगा। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को सफल बनाने का मुख्य कार्यभार बी•एस•एन•एल• पर है परंतु अपनी कार्यप्रणाली और अपने कर्मचारियों की लापरवाही के कारण दिन प्रतिदिन घाटे में जा रही है। सुन 2017-18 के लिए बी•एस•एन•एल• का कुल घटा लगभग ₹4,785 करोड़ों रुपए था जबकि आमदनी घट के करीब ₹28,818 करोड पर आ गई है। ये गिरावट पिछले तीन सालों से बढती जा रही है।
मऊ जिले के भुजौटी बी•एस•एन•एल• ऑफिस का हाल भी कुछ अलग नहीं है। किसी भी कार्यालय में कार्य कराने जाईये तो या तो ताला लटका मिलेगा या अधिकारी छुट्टी पर मिलेंगे। पुराने कटे कनेक्शन के "सेक्योरिटी मनी" वापस करने में कई वर्ष लग जाते है। अधिकारियों की लापरवाही और उनके लेटलतीफ रवैये से स्वयं कार्यालय के कर्मचारी भी नाराज रहते हैं। नाम न बताने की शर्त पर कर्मचारी ने बताया कि विभाग के लोगों द्वारा हर काम बहुत दिनों तक लम्बित रखा जाता है और कोई सुनवाई भी नहीं होती। लापरवाह अधिकारियो के वजह से उपभोक्ता का बीएसनल से मोह भंग होता जा रहा है। अधिकतर उपभोक्ता शिकायत की सुनवाई न होने के कारण दूसरे कंपनी की सुविधा लेने के लिए मजबूर हो गए है। नेटवर्क की समस्या तो आम बात है। इस ऑफिस में "फ्रेंचाईजी" और "रूलर डिस्ट्रीब्यूटर" के एक दिन के कार्य को करने में महीनों लगा दिए जाते हैं।
इन लोगों के कार्य से जनता का सरकारी कार्यों से मोहभंग होता जा रहा है।



अन्य समाचार
फेसबुक पेज